कोलकाता : विश्व विख्यात फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी को लेकर शनिवार की सुबह सॉल्टलेक के युवाभारती क्रीडांगन में जो उत्सव होना था, वह अव्यवस्था और हिंसा की भेंट चढ़ गया। महज 20 मिनट के अंदर फुटबॉलर के मैदान से बाहर चले जाने के कारण दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा। दर्शकों ने बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं, फ्लेक्स बैनर उखाड़ दिए गए, आगजनी की गई। बकेट चेयर तोड़ डाली गईं, गोलपोस्ट के जाल फाड़ दिए गए। खिलाड़ियों के डगआउट की प्लास्टिक छत तोड़ दी गई, कैनोपी को तहस-नहस कर दिया गया। घंटों तक अभूतपूर्व अराजकता का माहौल बना रहा। इस मेगा इवेंट में पुलिस और दर्शकों के बीच झड़पें भी हुईं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया।
इस घटना को लेकर राज्य के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि दर्शकों के बीच इस बात को लेकर गुस्सा और बेचैनी थी कि लियोनेल मेस्सी मैदान पर खेलने वाले नहीं हैं। इसी गलतफहमी और अपेक्षाओं के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई। डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि तय कार्यक्रम के अनुसार मेस्सी का स्टेडियम में आना, दर्शकों का अभिवादन करना, कुछ विशिष्ट लोगों से मुलाकात करना और फिर लौट जाना था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई मैच या खेल आयोजन नहीं था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही एक जांच समिति का गठन कर दिया है, जो पूरे घटनाक्रम के सभी पहलुओं की जांच करेगी। इसमें यह भी देखा जाएगा कि आयोजकों की ओर से किसी तरह का कुप्रबंधन हुआ था या किसी अन्य कारण से हालात बिगड़े। उन्होंने आगे बताया कि आयोजकों की ओर से दर्शकों को टिकट की राशि वापस लौटानी चाहिए। वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने कहा कि मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह से फुटबॉलर मेस्सी की एक झलक पाने के लिए सॉल्टलेक स्टेडियम व युवाभारती क्रीड़ांगन में कोलकाता, बंगाल ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों दर्शक उमड़े थे। मेस्सी के साथ उनके साथी लुइस सुवारेज और रोड्रिगो डी पॉल भी मौजूद थे। लेकिन जिस तरह सुबह 11.30 बजे मेस्सी को मैदान में लाया गया और उनके साथ जो व्यवहार किया गया, वह अविश्वसनीय था। मेस्सी काले रंग की टी-शर्ट में नजर आए। उनके चारों ओर सुरक्षा कर्मियों का घेरा और कुछ प्रभावशाली व रसूखदार लोगों की भीड़ इतनी अधिक थी कि आम दर्शक मेस्सी को ठीक से देख ही नहीं पाए। आरोप है कि आयोजक शताद्रु दत्ता लगातार माइक पर घोषणा कर रहे थे कि मेस्सी को घेर कर खड़े लोग सामने से हट जाएं ताकि आम लोग उन्हें देख सकें। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आरोप है कि मैदान के अंदर 100 से अधिक लोगों ने मेस्सी को घेरकर रखा था। दर्शकों के लिए मेस्सी को देखने का एकमात्र जरिया मैदान की विशाल स्क्रीन थी।
कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायी सीएम
मेस्सी करीब 20 मिनट मैदान पर रहे, इसके बाद उन्हें बाहर ले जाया गया। कार्यक्रम में अर्जेंटीना के इस सुपरस्टार के साथ मंच साझा करने वाले थे बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान। बंगाल के आइकन सौरव गांगुली और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी भी तय थी। लेकिन अव्यवस्था के कारण कोई भी युवाभारती स्टेडियम नहीं पहुंच सका। आरोप है कि शाहरुख खान की कार भी भीड़ के बीच स्टेडियम के बाहर फंस गयी और बाद में वे लौट गये। मेस्सी के लौटते ही स्टेडियम में गुस्सा फूट पड़ा। “वी वांट मेस्सी” के नारों से पूरा स्टेडियम गूंज उठा। हजारों रुपये खर्च कर टिकट खरीदने के बावजूद मेस्सी को नहीं देख पाने की नाराजगी देखते ही देखते हिंसा में बदल गई। बेकाबू भीड़ ने युवाभारती को रणक्षेत्र में तब्दील कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद मंत्री अरूप विश्वास को सुरक्षा कर्मियों ने बाहर निकाला। गुस्साये लोगों ने स्टेडियम का बैरिकेड तोड़कर अंदर प्रवेश किया और वहां तोड़फोड़ करने लगे। लोगों को शांत कराने आये पुलिस कर्मियों के साथ लोगों की झड़प हुई। पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया।