ऋषभ अहिंसा भारत : सामाजिक कल्याण और अहिंसा के सिद्धांतों की मिसाल

 ऋषभ अहिंसा भारत : सामाजिक कल्याण और अहिंसा के सिद्धांतों की मिसाल
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पिछले आठ वर्षों में, ऋषभ अहिंसा भारत ने अहिंसा, सत्य, अनेकांत, अपरिग्रह, जीवमात्र के प्रति दया और तीर्थ रक्षा जैसे जैन सिद्धांतों के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ कई कल्याणकारी कार्य किए हैं। अन्य सहृदय संस्थाओं के सहयोग से संगठन ने निम्नलिखित कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इनमें प्रतिवर्ष 1000 से अधिक वृक्षों का रोपण और 9000-10000 फलदार बीजों का वपन, कंप्यूटर प्रशिक्षण शिविर और सिलाई मशीन वितरण। प्रत्येक माह 27 सराक दिव्यांग व्यक्तियों को 1000 रुपये की आर्थिक सहायता, और अब 15 और व्यक्तियों को सहायता का लक्ष्य। लगभग 8000 बच्चों को सरकार से छात्रवृत्ति दिलवाना और महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाना।

पुरुलिया में सामाजिक कल्याण कार्यक्रम

इस वर्ष बांकुड़ा, दुर्गापुर और पुरुलिया में सादगीपूर्ण तरीके से तीन सामाजिक कल्याण कार्यक्रम आयोजित किए गए। हाल ही में, पुरुलिया में मुनि सोमचंद्र जी के पावन सान्निध्य में और ऋषभ अहिंसा भारत के संस्थापक प्रदीप चोपड़ा जैन की अध्यक्षता में एक और कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर पुरुलिया पौरसभा के अध्यक्ष नबेन्दु मोहाली और पूर्व विधायक उमा कांत बारुई विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

सभी वक्ताओं ने प्रदीप चोपड़ा जैन की सामाजिक सेवा की भावना की प्रशंसा की और गौशाला व आयुर्वेदिक पार्क निर्माण में पूर्ण सहयोग का वादा किया। बंगाल सरकार के सहयोग से 60 सराक महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा, 25 सिलाई मशीनों का वितरण किया गया, जबकि तीन महीने पहले 40 सिलाई मशीनें गरीब सराक बहनों को प्रदान की गई थीं। यह प्रयास महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सहयोगी संस्था भारतीय जैन अल्पसंख्यक समाज के कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। साथ ही, कंप्यूटर प्रशिक्षण शिविर के शिक्षकों और छात्रों को पारितोषिक देने की घोषणा की गई।

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