

5 अहम सबूत जो अभियुक्त को दोषी साबित करने के लिए पेश किये गये
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आर जी कर रेप एंड मर्डर मामले में जांच से सीबीआई अधिकारी संतुष्ट हैं। इनका कहना है कि उन्हें जो भी तथ्य मिले, उनके साथ पूरी ईमानदारी के साथ छानबीन की गयी और असली मुजरिम को कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया गया। इसके लिए जो भी सबूतों की जरूरत थी, उसे सामने लाया गया। उसकी तहकीकात की गयी और इस नतीजे पर पहुंचा गया कि संजय राय ही इस मामले का दोषी है। इसके लिए सबूतों के तौर पर सीसीटीवी फुटेज, ईयरफोन, खून के धब्बे आदि का उल्लेख, सीबीआई की चार्जशीट में दिये गये हैं। इनमें 5 अहम सबूत सिविक वॉलंटियर संजय राय के खिलाफ दिये गये हैं।
सीबीआई के सबूतों से जज भी संतुष्ट
आरजी कर अस्पताल में ब्लात्कार और हत्या के मामले में सिविक वॉलंटियर संजय राय को शनिवार को सियालदह अदालत ने दोषी ठहराया। हालांकि, सजा की घोषणा सोमवार को की जाएगी। सियालदह अदालत के न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने कहा कि गवाही और सीबीआई द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह साबित हो गया है कि संजय दोषी हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में 11 अहम सबूत प्रस्तुत किए थे, जो गवाहियों, वीडियो फुटेज और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुख्ता साबित हुए हैं।
सीबीआई के 5 अहम सबूत :
1. सीसीटीवी फुटेज :
9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन विभाग की चौथी मंजिल पर संजय के जाने की फुटेज सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई। यही वह स्थान था जहां घटना घटी। चूंकि इसकी छानबीन पुलिस द्वारा पहले की गयी थी, इस कारण फुटेज आदि को पुलिस से मांगा गया था। शुरुआत में असहयोग का आरोप लगा था लेकिन बाद में सीबीआई के हाथ यह लग गया।
2. मोबाइल लोकेशन :
घटना वाली रात संजय अस्पताल में ही मौजूद थे। उनके मोबाइल की लोकेशन ने इसकी पुष्टि की। इस बारे में सीबीआई ने कोर्ट को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।
3. डीएनए मिलान :
मृतका के शव से संजय का डीएनए मिला। इसके अलावा संजय के जब्त किए गए पैंट और जूते पर मृतका के खून के धब्बे पाए गए। पुलिस ने भी जांच में यह पाया था। घटनास्थल से मिले छोटे बाल संजय के बालों से मेल खाते हैं। इस बारे में भी छानबीन में उल्लेख किया गया था।
4. ब्लूटूथ ईयरफोन, चोट के निशान :
घटनास्थल से बरामद ब्लूटूथ ईयरफोन, संजय के मोबाइल फोन से जुड़ा हुआ पाया गया। सीसीटीवी में दिखा कि घटना के वक्त संजय के गले में यह ईयरफोन था, लेकिन लौटते समय नहीं था। संजय के शरीर पर मिले चोट के निशान 8 से 9 अगस्त के बीच के हैं। यह वही समय है जब महिला डॉक्टर के साथ घटना घटी।
5. प्रतिकार के निशान, मृतका के कपड़ों की स्थिति :
संजय के शरीर पर मौजूद चोट के निशान यह साबित करते हैं कि ये मृतका के प्रतिरोध के दौरान हुए। संजय के मेडिकल परीक्षण से यह साफ हुआ कि वह शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, मृतका के अंडरगार्मेंट की सिलाई जबरदस्ती तोड़ी गई थी। मृतका की कुर्ती के कमर के पास के हिस्से में जबरदस्ती खींचने के कारण फटने के निशान पाए गए।
सीबीआई के समक्ष आरजी कर छानबीन में आयी थीं ये चुनौतियां
सीबीआई जांच के दौरान सीन ऑफ क्राइम से महत्वपूर्ण सबूतों का गायब होना और सीसीटीवी फूटेज का कुछ हिस्सा उपलब्ध न होना मामले की जटिलता को और बढ़ा दिया था। मृतका के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले में सहयोग करने के बजाय मामले को हल्का लिया और जांच में गंभीरता नहीं दिखाई। महत्वपूर्ण साक्ष्य गायब होने के बाद पुलिस ने मामले की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस बीच, सबसे अहम पहलू यह है कि मृतका का पुनः पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था क्योंकि शव को सीबीआई को जांच सौंपे जाने से पहले ही जला दिया गया था। पब्लिक प्रेशर और आंदोलनकारियों के दबाव में काम करने की वजह से जांच में और भी जटिलताएं बढ़ गयी थी।
मुख्य बातें
साक्ष्य के साथ छेड़छाड़
सीन ऑफ क्राइम से सबूते गायब
सीसीटीवी फूटेज का कुछ हिस्सा मिलना
पुलिस का मामले में असहयोग करना
सबसे अहम मृतका का दुबारा पोस्टमार्टम न हो पाना
पब्लिक प्रेशर जरूरत से ज्यादा, आंदोलन के बीच काम करने में आयी बड़ी दिक्कत