आग लगने के बाद खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है गर्भवती महिला

गर्भवती महिला चैताली और उनकी सास पूर्णिमा
गर्भवती महिला चैताली और उनकी सास पूर्णिमा
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रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : रवींद्रनगर भगाड़ मैदान बस्ती में गुरुवार को लगी भीषण आग में सैकड़ों झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। इस अग्निकांड में करीब 70 परिवारों का पूरा सामान नष्ट हो गया। आग से प्रभावित लोगों के पास अब रहने और खाने तक की समुचित व्यवस्था नहीं बची है। आग में सब कुछ गंवा चुकी गर्भवती महिला चैताली खरवार किसी तरह जान बचाने में सफल रहीं, लेकिन कड़ाके की ठंड में अब उन्हें खुले आसमान के नीचे प्लास्टिक शीट के सहारे रात गुजारनी पड़ रही है। पीड़िता की सास पूर्णिमा खरवार ने बताया कि दो माह पहले उनके पति का निधन हो गया था और अब यह आपदा परिवार पर टूट पड़ी है। उन्होंने कहा, “अब सर छिपाने लिए कोई जगह नहीं है, सब कुछ जलकर खत्म हो गया।”

फिलहाल महेशतल्ला पालिका के वार्ड नंबर-1 के पार्षद सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में पीड़ितों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गयी है। हालांकि, इस कड़ाके की ठंड में गर्भवती महिला का खुले आसमान के नीचे रहना किसी खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सुरक्षित आवास की व्यवस्था करने की मांग की है। इस संबंध में वार्ड नंबर-1 के पार्षद सत्येंद्र ने बताया कि आग लगने के बाद गर्भवती महिला को अस्थायी रूप से नगर स्कूल में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है।

पार्षद सत्येंद्र सिंह
पार्षद सत्येंद्र सिंह

अलीपुर एसडीओ ने यह कहा :

अलीपुर के एसडीओ तमघ्न कर ने कहा कि सूचना मिलने के बाद उन्होंने रात में ही इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि फिलहाल क्षति का आकलन किया जा रहा है और इसके बाद कैंप लगाकर पीड़ितों के दस्तावेज जुटाए जाएंगे, ताकि उन्हें मुआवजा और आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। फिलहाल लोगों को राहत सामग्री पहुंचायी जाएगी।

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