सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : रतनगढ़ नागरिक परिषद द्वारा स्वर्ण जयन्ती वर्ष में दीपावली मिलन समारोह का भव्य आयोजन कलामंदिर सभागार में किया गया। परिषद के अध्यक्ष निर्मल कुमार लोहिया ने समारोह की अध्यक्षता की। समारोह के उदघाटनकर्ता, विशिष्ट उद्योगपति सजन कुमार बंसल ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में रतनगढ़ में जन्मे सनातन धर्म के रत्न भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार के अवदानों का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शिता से स्थापित गीता प्रेस ने शताब्दी का सफर तय कर लिया है और उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। पूर्वज पीढ़ी की प्रबल इच्छाशक्ति और परोपकार की भावनाओं की उन्होंने सराहना की।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सीमित संसाधनों के बावजूद सामाजिकता के भाव को पुष्ट किया। समारोह के प्रधान अतिथि कमल दुगड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि हर व्यक्ति को अपनी माटी का कर्ज उतारने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान की माटी शौर्य एवं बलिदानों की अमर गाथाओं से भरी पड़ी है। रतनगढ़ की माटी पर जन्म लेने वाले लोग जहां भी गए, अपनी उदारता के साथ उन्होंने वहां की माटी का ऋण चुकाने का प्रयास किया है। उन्होंने समाज के लोगों से माटी से जुड़ाव का आह्वान किया। समारोह में चाय उद्योग की विशिष्ट हस्ती मैकलोड ग्रुप के श्री भरत बाजोरिया को रतनगढ़ गौरव सम्मान से विभूषित किया गया। श्री बाजोरिया राष्ट्रीय स्तर पर चाय उद्योग से जुड़ी अनेकानेक संस्थाओं के चेयरमैन पद पर रह चुके हैं।
मंच पर सर्वश्री अशोक भुवालका तथा कनफेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन सुशील पोद्दार विशिष्ट अतिथि बतौर तथा परिषद के उपाध्यक्ष द्वय प्रदीप सराफ एवं तुलसी दुगड़ उपस्थित थे। संस्था के मंत्री सुरेश केडिया ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर रतनगढ़ के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। ध्वनि म्युजिकल ग्रुप के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से शमां बांधा। समारोह की सफलता हेतु स्वर्ण जयंती आयोजन समिति के संयोजक महेश भुवालका, सह संयोजक विशंभर दयाल सराफ, श्यामलाल चौधरी, विनोद पोद्दार, आनंद चांदगोठिया एवं विशेष रूप से गिरीश सोनी , मनीष धारीवाल एवं मनोज चांदगोठिया विशेष सक्रिय थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में उपसचिव लूणकरण सुरेका, शिवकुमार चौधरी, द्वारका प्रसाद खेतान, बालमुकुंद सराफ,हुलास चंद दुगड़ सक्रिय थे। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश चंडालिया ने अपनी सुमधुर वाणी से किया।