आर्टिक महासागर पर 42 किलोमीटर की यात्रा कर इतिहास रचा बड़ाबाजार के रहने वाले ने

आर्टिक महासागर पर 42 किलोमीटर की यात्रा कर इतिहास रचा बड़ाबाजार के रहने वाले ने
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​सन्मार्ग संवाददाता 

कोलकाता : 90° उत्तर में जमे हुए आर्टिक महासागर पर 42 किलोमीटर की यात्रा कर इतिहास रचने वाले राम गोपाल कोठारी भौगोलिक उत्तरी ध्रुव पर अपनी पहली फुल मैराथन में भाग लेकर यह कारनामा करने वाले दुनिया के शीर्ष पर मैराथन पूरी करने वाले पहले भारतीय बन गए। बड़ाबाजार के रहने वाले मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे रामगोपाल ने बताया कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैंने अपनी पहली मैराथन पूरी कर ली।

इसके साथ ही के 90 डिग्री उत्तरी ध्रुव की चोटी पर पूरे 42 किलोमीटर में जमे हुए आर्टिक महासागर पर दौड़ने का यह उल्लेखनीय फिट हासिल करने वाला पहला भारतीय बन गया। उन्होंने बताया कि हम 12 जुलाई को उत्तरी ध्रुव पर पहुंचे और 13 जुलाई को मैंने खतरनाक परिस्थितियों में दौड़ने के लिए अपनी सीमा को चरम पर पहुंचा दिया।

सातों महाद्वीपों के 69 देशों की यात्रा कर चुके है

शुरुआत में मैं बर्फ से जूझ रहा था लेकिन दौड़ के दूसरे भाग में सूर्य उभर आया और बर्फ पिघलने लगी। जिससे वह इलाका और भी चुनौतीपूर्ण हो गया। मैं अपने जूतों में बर्फ और बर्फ के पानी के साथ दौड़ता रहा, दर्दनाक ऐंठन के दौरान मेरे पैर बहुत ठंडे थे और हालत खराब होती रही। फिर भी, मैंने भारत की भावना से प्रेरित होकर दृढ़ रहा। उल्लेखनीय है कि राम गोपाल देश के एक ऐसे उत्साही यात्री हैं, जिनका जीवन भर का मिशन असाधारण चीजों की खोज करना है। वे अब तक सातों महाद्वीपों के 69 देशों की यात्रा कर चुके है।

अपनी यात्राओं के लिए फिट रहने के लिए उन्होंने 25 हाफ मैराथन पूरी की हैं, लेकिन अब तक उन्होंने कभी भी फुल मैराथन दौड़ने की योजना नहीं बनाई थी। राम के लिए यह चुनौती गति के बारे में नहीं बल्कि लचीलेपन, अन्वेषण और डर से परे कदम बढ़ाने के बारे में है। उनके लिए, उत्तरी ध्रुव मैराथन एक दौड़ से कहीं अधिक है।

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