बांग्लादेश में दीपू दास की हत्या के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन

आरोप- पुलिस के लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी हुए घायल
बांग्लादेश में दीपू दास की हत्या के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन
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कोलकाता : बांग्लादेश में दीपू दास की कथित हत्या के विरोध को लेकर कोलकाता में भी उबाल देखने को मिला। बेकबागान इलाके में स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग के बाहर मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान तनाव फैल गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई बार झड़प हुई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस प्रदर्शन के कारण कुछ समय के लिए यातायात भी बाधित रहा। आरोप है कि पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया जिसमें कई लोग घायल हो गये। इस दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। डीसी एसईडी डॉ. भोलानाथ पांडेय ने बताया कि मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान भीड़ के कुछ हिस्से ने बैरिकेड तोड़ते हुए एक सरकारी वाहन को नुकसान पहुंचाया और पुलिस कर्मियों, जिनमें महिला अधिकारी भी शामिल थीं, के साथ हाथापाई की। पुलिस ने सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने के लिए केवल अंतिम उपाय के रूप में न्यूनतम बल का प्रयोग किया। आयोजकों ने खुद स्वीकार किया कि कार्यकम में कुछ उपद्रवी प्रवेश कर गए थे। उनके अनुरोध पर चार लोगों की एक प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी गई।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले ही बांग्लादेश के मयमनसिंह में दीपू दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल समेत देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए। मंगलवार को संघ परिवार से जुड़े विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता बांग्लादेश के उप उच्चायोग तक मार्च करने के लिए निकले। प्रदर्शनकारी बेकबागान इलाके तक पहुंचे, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने उन्हें उप उच्चायोग के पास जाने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे बांग्लादेश के उप उच्चायोग को एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे। इसी दौरान पुलिस द्वारा रोके जाने पर स्थिति बिगड़ गई और बेकबागान इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई बार धक्का-मुक्की हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है।

बाद में पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को जबरन पुलिस वैन में बैठाया। कुछ प्रदर्शनकारियों को वैन की छत पर चढ़ते हुए भी देखा गया। इस बीच भाजपा नेताओं के मौके पर पहुंचने से तनाव और बढ़ गया। काफी देर तक इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। पुलिस लगातार माइक के जरिए घोषणा करती रही कि बांग्लादेश के उप उच्चायोग के बाहर जमा होना गैरकानूनी है और प्रदर्शनकारियों से बैरिकेड के पास से हटने की अपील की गई। हालांकि प्रदर्शनकारी ज्ञापन सौंपे बिना हटने को तैयार नहीं थे। प्रदर्शन के चलते पार्क सर्कस इलाके में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। पार्क सर्कस से बांग्लादेश उप उच्चायोग की ओर जाने वाला मार्ग खुला रहा, जबकि उप उच्चायोग से पार्क सर्कस जंक्शन की ओर जाने वाली सड़क बंद कर दी गई थी।

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