

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पश्चिम बंगाल के दौरे पर नदिया में एक रैली को संबोधित करेंगे तथा राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे व उनका उद्घाटन करेंगे। उनकी यह यात्रा राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच होगी। एसआईआर की मसौदा सूचियों के प्रकाशन के बाद मोदी का यह पहला दौरा होगा और पिछले पांच महीनों में यह उनका तीसरा दौरा है।
रानाघाट में जनसभा को करेंगे सम्बोधित
मसौदा सूचियों के प्रकाशन के बाद मतुआ समुदाय के सदस्यों में बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री रानाघाट के ताहेरपुर इलाके में रणनीतिक रूप से अहम स्थल से जनसभा को संबोधित करेंगे। यह रैली स्थल पास के बनगांव में नामशूद्र हिंदू समुदाय के गढ़ से कुछ ही दूरी पर है।
ऐसी संभावनाएं हैं कि इस दौरान मोदी राज्य में अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी अभियान की शुरुआत कर सकते हैं और इन अहम चुनावों के लिए पार्टी की बड़े स्तर की रणनीति की रूपरेखा भी तय कर सकते हैं।
गडकरी के साथ बैठक
प्रधानमंत्री अपने दौरे के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक प्रशासनिक बैठक भी करेंगे। यह बैठक सुबह 11:15 बजे से 11:45 बजे तक प्रस्तावित है। इस बैठक में राज्य परिवहन से जुड़े मुद्दों पर हो सकती है चर्चा।
3,000 करोड़ से अधिक की NH परियोजनाएं
बैठक के बाद प्रधानमंत्री 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वे कृष्णानगर से बाराजागुली तक NH-12 के लगभग 68 किलोमीटर लंबे फोर लेन सेक्शन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वे बारासात से बाराजागुली तक 18 किलोमीटर लंबे हिस्से को फोर लेन बनाने की आधारशिला भी रखेंगे।
मतुआ समुदाय पर रहेगी नजर
धार्मिक उत्पीड़न के कारण दशकों से बांग्लादेश से पलायन करने वाला दलित हिंदू समुदाय मतुआ के लिए इस प्रक्रिया ने पहचान और दस्तावेजों को लेकर उनकी पुरानी चिंताओं को फिर से खड़ा कर दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्य की 294 विधानसभा सीट में से करीब 80 सीट पर इस समुदाय के सदस्यों का खासा प्रभाव है। ऐसी अटकलें हैं कि बड़ी संख्या में मतुआ समुदाय के लोगों के नाम पहले ही मसौदा मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए हैं।
इसके अलावा, सत्यापन चरण के दौरान सुनवाई नोटिस मिलने की स्थिति में निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए निर्दिष्ट सांकेतिक दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण, अंतिम मतदाता सूची में और भी कई नाम हटाए जाने की आशंका जताई जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में आए चुनाव नतीजों से संकेत मिलता है कि भाजपा ने इस समुदाय के भीतर काफी पैठ बना ली है और उन्हें औपचारिक भारतीय नागरिकता देने का वादा किया है।
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार का बयान
रानाघाट लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने दावा किया कि एसआईआर को लेकर मतुआ समुदाय में जानबूझकर डर फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के संदेश से ऐसी आशंकाएं और अफवाहें दूर हो जाएंगी।’’ मुख्यमंत्री बनर्जी पहले ही नदिया और उत्तर 24 परगना में एसआईआर विरोधी रैली कर चुकी हैं। ये दोनों जिले बांग्लादेश से सटे हैं और यहां मतुआ समुदाय की अच्छी खासी आबादी है।