

कोलकाता : कांकुड़गाछी इलाके में ऑक्सीजन सिलिंडर के एक गोदाम में लगी भीषण आग और उसके बाद हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने गोदाम के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हादसे के बाद से गोदाम के मालिक और संचालन से जुड़े लोग फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गोदाम के स्वामित्व और संचालन से जुड़े कई लोगों की पहचान कर ली गई है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास कुछ खास नाम और पता हैं, लेकिन संबंधित लोग अपने दर्ज पता पर उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।’ यह आग गुरुवार को तड़के लगी थी, जब आसपास के अपार्टमेंट और मकानों में रहने वाले अधिकांश लोग सो रहे थे। गोदाम में रखे ऑक्सीजन सिलिंंडरों के फटने से एक के बाद एक कई जोरदार धमाके हुए, जिससे पूरा इलाका दहल उठा। विस्फोटों के दौरान सिलिंडर मिसाइल की तरह उड़ते हुए आसपास के घरों तक जा गिरे, जिससे लोगों में दहशत फैल गई और अंधेरे में लोग जान बचाकर घरों से बाहर निकल आए। आग बुझाने के लिए दमकल की 15 गाड़ियों को लगाया गया और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
केएमसी और दमकल विभाग से मांगी गयी जानकारी
जांच के तहत पुलिस ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और राज्य अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि क्या उक्त गोदाम को घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में संचालन की आवश्यक अनुमति थी या नहीं। पुलिस ने केएमसी से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि गोदाम के पास वैध ट्रेड लाइसेंस या सर्टिफिकेट ऑफ एनलिस्टमेंट था या नहीं, और हाल के दिनों में कोई सुरक्षा ऑडिट या निरीक्षण किया गया था या नहीं।
केएमसी अधिकारियों ने बताया कि निगम स्तर पर भी समानांतर जांच चल रही है। कांकुड़गाछी के गोदाम के लाइसेंस की स्थिति की जांच के साथ-साथ इलाके में मौजूद अन्य गोदामों और खतरनाक सामग्री रखने वाली इकाइयों का भी निरीक्षण शुरू किया गया है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और फील्ड इंस्पेक्शन के जरिए यह देखा जा रहा है कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।’
घटना के कुछ घंटों बाद ही गुरुवार को केएमसी के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, ऑक्सीजन सिलिंडरों का भंडारण उच्च जोखिम वाली व्यावसायिक गतिविधि की श्रेणी में आता है, क्योंकि इससे आग और विस्फोट का खतरा रहता है। नियमों के तहत, ऐसी गतिविधियों को रिहायशी इलाकों में केवल स्वतंत्र या अलग संरचनाओं में ही अनुमति दी जा सकती है, लेकिन आवासीय इमारतों में खतरनाक सामग्री का भंडारण पूरी तरह प्रतिबंधित है। अधिकारियों ने कहा कि नियमों में यह अंतर स्पष्ट रूप से परिभाषित है। केएमसी सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में हर व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए नगर निगम से सर्टिफिकेट ऑफ एनलिस्टमेंट और लाइसेंसिंग विभाग से ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य है। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि लाइसेंस जारी करते समय परिसर का अनिवार्य भौतिक सत्यापन नहीं होता, जो कई बार हादसों के बाद एक बड़ी खामी के रूप में सामने आता है।