मेस्सी इवेंट विवाद: टिकट बिक्री की रकम आयोजक को देने पर रोक, रिफंड की तैयारी

पुलिस ने ऑनलाइन टिकटिंग एग्रीगेटर को दिया निर्देश
रविवार को युवाभारती क्रीडांगन के अंदर बिखरे पड़े सीट
रविवार को युवाभारती क्रीडांगन के अंदर बिखरे पड़े सीट
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कोलकाता : सॉल्टलेक स्थित युवा भारती क्रीड़ांगन में शनिवार को आयोजित लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम में मची अव्यवस्था के बाद विधाननगर सिटी पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने ‘जीओएटी इंडिया टूर’ के ऑनलाइन टिकटिंग एग्रीगेटर को निर्देश दिया है कि वह टिकट बिक्री से प्राप्त राशि को तत्काल प्रभाव से आयोजक के खाते में भेजना बंद करे, ताकि नाराज दर्शकों को रिफंड सुनिश्चित किया जा सके। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन दिवसीय इस टूर के प्रमोटर शताद्रु दत्ता के खाते में फिलहाल कोई भुगतान न किया जाए। अधिकारी के अनुसार, ‘हमने टिकटिंग एग्रीगेटर से कहा है कि वह टिकट बिक्री की रकम दत्ता के खाते में भेजना रोक दे। आयोजक और उनकी कंपनी के अधिकारियों से बातचीत चल रही है और उन्होंने स्टेडियम में हुई अव्यवस्था के बाद दर्शकों का पैसा लौटाने पर सहमति जताई है।’

पहले रिफंड को लेकर किया पोस्ट, फिर हटाया

शनिवार को कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम में भारी भीड़, अव्यवस्थित प्रवेश और कार्यक्रम के विज्ञापित स्वरूप से अलग आयोजन को लेकर दर्शकों में नाराजगी फैल गई थी। कई दर्शकों का आरोप है कि उन्हें मेस्सी की एक झलक तक नहीं देखने को मिली, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने स्टेडियम के भीतर और बाहर तोड़फोड़ की। इसी दौरान मेस्सी और अन्य खिलाड़ी अपेक्षा से काफी पहले आयोजन स्थल छोड़कर रवाना हो गए। घटना के बाद शताद्रु दत्ता ने फेसबुक पोस्ट के जरिए टिकट का पैसा लौटाने की घोषणा की थी, जब वह खिलाड़ियों के साथ हैदराबाद रवाना हो रहे थे। हालांकि, बाद में यह पोस्ट हटा ली गई, जिससे टिकट धारकों के बीच भ्रम और बढ़ गया। शनिवार की दोपहर राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि आयोजक से लिखित आश्वासन मांगा गया है, जिसमें असंतुष्ट दर्शकों को रिफंड देने की प्रतिबद्धता होगी।

इस इवेंट के टिकटों की कीमत 5 हजार रुपये से 15 हजार रुपये तक थी। टिकटिंग वेबसाइट पर एक भव्य कार्यक्रम का वादा किया गया था, जिसमें सेलेब्रिटी मैच, युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन, “मेसी मास्टरक्लास” के तहत पेनल्टी शूटआउट, सम्मान समारोह और संगीत कार्यक्रम शामिल थे।

हालांकि, वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से यह भी उल्लेख था कि टिकट नॉन-कैंसिलेबल और नॉन-रिफंडेबल हैं और केवल तभी रिफंड दिया जाएगा, जब पूरा कार्यक्रम रद्द हो जाए। शर्तों में यह भी कहा गया था कि आयोजक निर्बाध दृश्य, कार्यक्रम की अवधि या गुणवत्ता की गारंटी नहीं देता और किसी नुकसान या चोट की जिम्मेदारी नहीं लेगा।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे प्रावधान किसी आपराधिक जांच या नियामक कार्रवाई को नहीं रोक सकते, यदि प्रारंभिक जांच में धोखाधड़ी या गलत प्रस्तुति के संकेत मिलते हैं।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम फंड के लेन-देन, टिकटिंग प्लेटफॉर्म के साथ हुए करार और जनता से किए गए वादों के उल्लंघन की जांच कर रहे हैं। फिलहाल भुगतान पर रोक का उद्देश्य राशि को सुरक्षित रखना है, ताकि कानूनी जांच और रिफंड प्रक्रिया के दौरान धन सुरक्षित रहे।

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