'बारिश से पहले जल निकासी पर ध्यान दें ताकि एयरपोर्ट इलाके में जमा न हो पानी'

कोलकाता एयरपोर्ट पर एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक सन्मार्ग
'बारिश से पहले जल निकासी पर ध्यान दें ताकि एयरपोर्ट इलाके में जमा न हो पानी'
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पश्चिम बंगाल सरकार की प्रधान सचिव (गृह विभाग), नंदिनी चक्रवर्ती की अध्यक्षता में एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन एयरपोर्ट निदेशक डॉ. प्रवत रंजन बेउरिया ने किया। इस दौरान पक्षी गतिविधियों और विमान संचालन की सुरक्षा से संबंधित अन्य चिंताओं पर चर्चा हुई।

सफाई और बर्ड हिट को लेकर हुई चर्चा

डॉ. बेउरिया ने बताया कि एयरपोर्ट भारत का 5वां सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है, जो कोड-ई चौड़े शरीर वाले विमानों को संभालने में सक्षम है और प्रतिदिन 400 से अधिक उड़ानें संचालित करता है। उन्होंने विमान संचालन की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए इसके लिए कदम उठाने की बात कही। नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि कचरे की नियमित सफाई की जा रही है और बंद कचरा डिब्बों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अनधिकृत मछली और मांस की दुकानों को हटाने और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। प्रधान सचिव ने नगर पालिकाओं और विभागों को हवाई अड्डे के आसपास स्वच्छता और खुले मांस-मछली की दुकानों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया।

एयरपोर्ट ने बताया कि एएआई ने पक्षी अध्ययन के लिए एक विशेष एजेंसी को नियुक्त किया है और इसकी रिपोर्ट नगर पालिकाओं और हितधारकों के साथ साझा की गई है। हाल के समय में पक्षी टकराव की घटनाएं कम हुई हैं। प्रधान सचिव ने निवारक उपायों को जारी रखने और पक्षी घटनाओं को शून्य करने के लिए और कदम उठाने की सलाह दी।

बाधाओं और ऊंचे पेड़ों को हटाना :

निदेशक ने बताया कि पेड़ों और बाधाओं के निर्देशांक प्राधिकरणों के साथ साझा किए जा रहे हैं। कई बाधाओं को चिह्नित और हटाया गया है। प्रधान सचिव ने नगर पालिकाओं और प्रशासन को बाधाओं का विवरण साझा कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उत्तर 24 परगना के डीएम ने बताया कि नालों की सफाई के लिए समय-समय पर बैठकें और निरीक्षण किए जा रहे हैं। प्रधान सचिव ने हवाई अड्डे के पास जलभराव रोकने और बारिश के पानी के मुक्त प्रवाह के लिए नालों की उचित सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

लेजर बीम हस्तक्षेप :

निदेशक ने बताया कि लेजर हस्तक्षेप से विमान के महत्वपूर्ण चरणों में पायलट को उड़ान के दौरान दिक्कत आ रही है। उड़ान को खतरा होता है। डीजीसीए इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और एसओपी लागू किया गया है। प्रधान सचिव ने नगर पालिकाओं और पुलिस को लेजर बीम मुक्त उड़ान क्षेत्र और महत्वपूर्ण उड़ान क्षेत्रों में लेजर गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया।

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