ओटिस ग्लोबल चैलेंज में कोलकाता और रांची के छात्रों को मिला सम्मान

जादव विद्यापीठ (कोलकाता) और डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल (रांची) को मिला ‘मेड टू मुवमेंट कम्यूनिटीज’ चैलेंज में ऑनरेबल मेंशन
ओटिस ग्लोबल चैलेंज में कोलकाता और रांची के छात्रों को मिला सम्मान
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : विश्व स्तर पर एलिवेटर और एस्केलेटर के निर्माण, इंस्टॉलेशन और सर्विसिंग में अग्रणी कंपनी ओटिस वर्ल्डवाइड कॉरपोरेशन की भारतीय इकाई ओटिस इंडिया ने मेड टू मुवमेंट कम्यूनिटीज चैलेंज के एशिया-पैसिफिक क्षेत्रीय परिणामों की घोषणा की है। भारत से जादवपुर विद्यापीठ (कोलकाता) और डीएवी, नंदराज पब्लिक स्कूल (रांची) के छात्रों ने इस चुनौती में हिस्सा लिया और अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों के लिए उन्हें ऑनरेबल मेंशन मिला है।

हर वर्ष आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में छात्रों को स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के सिद्धांतों का उपयोग कर शहरी गतिशीलता से जुड़ी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस वर्ष की थीम थी: ‘एआई आधारित शहरी गतिशीलता समाधान विकसित करना’।

ओटिस के स्वयंसेवी मेंटर्स के मार्गदर्शन में छात्रों ने एआई तकनीक का उपयोग कर समावेशी शहरी परिवहन के लिए नवोन्मेषी समाधान तैयार किए और एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अन्य स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा की।

ओटिस इंडिया के अध्यक्ष श्री सेबी जोसेफ ने छात्रों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा,

“हम इन प्रतिभाशाली छात्रों को बधाई देते हैं जिनकी रचनात्मकता और तकनीकी समझ ने उन्हें इस मंच पर सम्मान दिलाया। इन नवाचारों से यह स्पष्ट होता है कि हमारे भविष्य के शहरों को बेहतर बनाने की दिशा में युवा पीढ़ी कितना सजग और संकल्पित है।” जादवपुर विद्यापीठ के छात्रों ने “फॉगसाइट” नामक एक एआई आधारित सेंसर समाधान तैयार किया, जो घने कोहरे की स्थिति में दृश्यता बढ़ाकर दुर्घटनाओं की संभावना को कम करता है। इस प्रोजेक्ट के लिए स्कूल को यूएसडी 7500 का ग्रांट मिला।

डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल के छात्रों ने “मदद” नामक एक समाधान प्रस्तुत किया, जो सड़क पर एम्बुलेंस की पहचान कर ट्रैफिक को नियंत्रित करता है ताकि मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। इस प्रोजेक्ट को भी सम्मान के साथ स्टेम शिक्षा के लिए यूएसडी 7500 का अनुदान मिला। मेड टू मुवमेंट कम्यूनिटीज पहल की शुरुआत 2020 में हुई थी। इसका उद्देश्य छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर सोचने और स्टेम कौशल का उपयोग कर नवाचार करने के लिए प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम ने अब तक 1000 से अधिक छात्रों, 950 ओटिस वालंटियर मेंटर्स और 1 मिलियन डॉलर से अधिक की ग्रांट के ज़रिये स्टेम शिक्षा को बढ़ावा दिया है।

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