
कोलकाता : राज्य में अंगदान को लेकर जागरुकता बढ़ने के बीच एक बार फिर एक युवा के परिजनों ने मिसाल पेश की है। महज 21 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए शुभंकर मंडल की मृत्यु के बाद उसके अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिला है। पिछले सप्ताह बुधवार को शुभंकर काम के सिलसिले में अपने एक दोस्त के साथ बाहर निकले थे जहां दोनों ट्रेन हादसे का शिकार हो गए। दुर्घटना के बाद जीआरपी की मदद से दोनों को घायल अवस्था में एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुभंकर को सिर में गंभीर चोटें आई थीं। पांच दिनों तक चले इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस कठिन घड़ी में, डॉक्टरों ने शुभंकर के परिवार को अंगदान का सुझाव दिया। परिवार ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए सहमति दी और शुभंकर के अंगों को जरूरतमंद मरीजों के लिए दान कर दिया। मृतक की एक किडनी को फोर्टिस हॉस्पिटल ऑफ किडनी इंस्टीट्यूट में भर्ती एक 50 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित किया गया है। दूसरी किडनी को आरएन टैगोर हॉस्पिटल में भर्ती एक 34 वर्षीय मरीज को जीवनदान देने के लिए उपयोग किया गया। मृतक की स्कीन और कॉर्निया (नेत्र) को एसएसकेएम अस्पताल को डोनेट किया गया है। रोटो सूत्रों के अनुसार, यह 2025 में राज्य का 12वां अंगदान है।
बीते चार दिनों में चार अंगदान
बीते सप्ताह शुक्रवार से सोमवार के बीच चार मृतकों के अंगदान हुए हैं, जिनमें तीन एसएसकेएम अस्पताल और एक अपोलो अस्पताल में संपन्न हुए। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2024 में कुल 14 अंगदान हुए थे जबकि राज्य में सबसे अधिक अंगदान वर्ष 2023 में दर्ज किए गए, जहां कुल 16 अंगदान के जरिए 57 वाइटल ऑर्गन्स डोनेट किए गए थे। इससे पहले राज्य में सबसे अधिक अंगदान 2018 में हुए थे, जब 15 डोनेशन दर्ज किए गए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अंगदान की यह भावना समाज में जीवन बचाने की एक प्रेरणादायी मिसाल है। शुभंकर मंडल जैसे युवा की यह अंतिम भेंट कई जिंदगियों के लिए वरदान साबित हुई है।