
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप राहा ने शनिवार को कहा कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारतीय सशस्त्र बलों की वास्तविक अभियानगत क्षमता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका पर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने देश की उन जबरदस्त क्षमताओं को प्रदर्शित किया है, जो उसने पिछले कुछ वर्षों में हासिल की हैं।
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की सफलता पर गर्व करते हुए याद दिलाया कि यह परियोजना कई वर्ष पहले शुरू हुई थी। वह इस समय असम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर आसीन हैं। राहा ने कहा, ‘‘भारत ने एक जबरदस्त उपलब्धि हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष अनुसंधान में दुनिया का अग्रणी संगठन बन गया है। चंद्रमा से लेकर सूर्य मिशन तक, इसरो एक के बाद एक लक्ष्य निर्धारित कर रहा है। इसरो के मार्गदर्शन में, हमने एक शक्तिशाली रॉकेट प्रणाली विकसित की है। हमारे उपग्रहों का उपयोग अन्य देशों द्वारा किया जाता है, जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। इसरो विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि रक्षा अभियानों को मजबूत करने के लिए इसरो द्वारा उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित किया गया है। राहा ने कहा, ‘‘ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमाओं की निगरानी, सीमाओं पर नजर रखने और सीमा पार लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई के लिए उपग्रहों से प्राप्त कमांड और नियंत्रण डेटा का कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से प्रोसेस किया गया।’’