ठगी मामले की जांच करने पहुंची नोएडा पुलिस को काम में बाधा देने का आरोप

आपस में ही उलझे नोएडा पुलिस और बेलियाघाटा थाना के अधिकारी
फाइल फोटो
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कोलकाता : फर्जी पुलिस स्टेशन खोलकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार विभाष अधिकारी के खिलाफ लगातार नये खुलासे हो रहे हैं। बीरभूम निवासी विभाष को हाल ही में नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मामले की जांच में पता चला है कि उसने कनाडा निवासी एक भारतीय मूल के व्यक्ति से 18 लाख रुपये की ठगी की थी।

कैसे की गई ठगी?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, विभाष ने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का अधिकारी बताकर हारनिक सिंह नाम के एक व्यक्ति को वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट किया था। उसने कहा कि एक अमेरिकी एनआरआई के खिलाफ केस है और हारनिक ने उसकी मदद की थी, जिससे अब उनके खिलाफ भी मामला शुरू होगा। इसके बाद हारनिक को एक फर्जी कानूनी नोटिस भेजी गयी, जिसमें एक इंडोनेशियाई बैंक खाते में 18 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था। डर के मारे हारनिक ने रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में विभाष की गिरफ्तारी की खबर और तस्वीरें सामने आने पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने नोएडा थाने में शिकायत दर्ज करायी।

बेलियाघाटा में छापेमारी और टकराव

इसी मामले की जांच के तहत नोएडा पुलिस ने बुधवार को कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में स्थित विभाष के फ्लैट पर छापा मारा। राज्य पुलिस की मदद से यह कार्रवाई हुई। हालांकि, फ्लैट की चाबी नहीं मिलने पर नोएडा पुलिस ने ताला तोड़ा, जिससे बेलियाघाटा थाने के अधिकारियों के साथ टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूत्रों के मुताबिक, नोएडा पुलिस ने बीरभूम के नलहाटी स्थित विभाष के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की है। मामले की जांच की जा रही है।

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