'माई नेम इज जान' महिला सशक्तीकरण पर सच्चा नाटक है : अर्पिता

गार्डन वारेली ने गौहर जान की विरासत का जश्न मनाने के लिए 'माई नेम इज जान' के साथ किया गठजोड़
मंच पर उपस्थित प्रसिद्ध कलाकार अर्पिता चटर्जी, अवंती चक्रवर्ती, देवी प्रसाद पात्रा, डॉ. महेंद्र सिंह भदौरिया व अन्य
मंच पर उपस्थित प्रसिद्ध कलाकार अर्पिता चटर्जी, अवंती चक्रवर्ती, देवी प्रसाद पात्रा, डॉ. महेंद्र सिंह भदौरिया व अन्य
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कोलकाता : 'माई नेम इज जान' नाटक महिला सशक्तीकरण और सच्चाई पर आधारित एकांकी है। यह बहुभाषी है। यह सौ साल पुरानी कहानी है। नाटक में गौहर जान की भूमिका निभाने वाली प्रसिद्ध कलाकार अर्पिता चटर्जी ने यह बात कही। वह भारत के प्रतिष्ठित कपड़ा ब्रांड गार्डन वारेली गौहर जान की विरासत का जश्न मनाने के लिए 'माई नेम इज जान' के साथ समारोह के दौरान कोलकाता के प्रख्यात होटल में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थीं। आगे अर्पिता चटर्जी ने कहा कि नाटक महिलाओं के संघर्ष की कहानी बयां करता है। यह गठजोड़ भारत की पहली रिकॉर्डिंग कलाकार व देश की संगीत विरासत में एक प्रतिष्ठित गौहर जान को श्रद्धांजलि देता है। गौहर जान भारत की पहली रिकॉर्डेड महिला कलाकार मानी जाती हैं। नाटक का पहले मुंबई में मंचन हो चुका है। इस नाटक की डायरेक्टर अवंती चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्य भूमिका में अभिनेत्री अर्पिता ने गौहर जान के जीवन को मंच पर जीवंत किया। कोलकाता के कला मंदिर में आज यानी शनिवार की शाम इसे दिखाया जाएगा। मुख्य अतिथि के रूप में एम.सी.पी.आई. प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सी.ई.ओ और गार्डन सिल्क मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर देबी प्रसाद पात्रा ने कहा कि माई नेम इज जान से कंपनी को बहुत फायदा होने वाला है। गार्डन वारेली को 2021 में लिया गया था। इससे बंगाल के कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर गार्डन वारेली के सीईओ डॉ. महेंद्र सिंह भदौरिया ने दर्शकों से नाटक देेखने की अपील है।

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