'मेडे कॉल एक जानलेवा संकट में पायलट की अंतिम कार्रवाई हैं'

एआई जेनरेटेड
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : कोई भी प्लेन क्रैश या कोई भी विपत्ति आने पर पायलट अक्सर मे डे, मे डे बोलते हैं, ऐसे में पायलटों और एटीसी को इस दौरान कुछ खास गाइडलाइन माननी होती है। इनमें से ये हैं खास। इस बारे में कोलकाता एयरपोर्ट के एटीसी अधिकारी ने बताया कि मेडे कॉल का अर्थ , एक अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन संकट संदेश है, जो विमानन और समुद्री क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। यह फ्रेंच शब्द "एम’आईदेयार" (मेरी मदद करें) से लिया गया है और तब बोला जाता है जब विमान या जहाज को गंभीर खतरा हो, जैसे इंजन खराबी, आग, या नियंत्रण की हानि। इसे तीन बार दोहराया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि यह मजाक नहीं, बल्कि वास्तविक आपातकाल है।

पायलट द्वारा मेडे कॉल की प्रक्रिया

जब पायलट मेडे कॉल जारी करते हैं, तो वे रेडियो के माध्यम से एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) या आसपास के विमानों को सूचित करते हैं। इसमें कॉल में शामिल जानकारियों में विमान की पहचान, उड़ान संख्या और पंजीकरण शामिल हैं। इसके अलावा स्थान, वर्तमान स्थिति, ऊंचाई, और दिशा आदि शामिल हैं। आपातकाल का प्रकार यानी कि जैसे इंजन विफलता, आग, या चिकित्सा आपातकाल आदि शामिल हैं। पायलट का इरादा भी समझ आता है यानी कि आपात लैंडिंग या अन्य सहायता की जरूरत।

सूत्रों की माने तो एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 के मामले में, टेकऑफ के तुरंत बाद 1.39 बजे आईएसटी पर मेडे कॉल जारी की गई, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की प्रतिक्रिया

मेडे कॉल मिलने पर एटीसी को तुरंत कार्रवाई करना होता है। इसके लिए प्रभावित विमान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, और अन्य रेडियो ट्रैफिक रोका जाता है। सहायता समन्वय किया जाता है जैसे कि आपातकालीन सेवाएं जैसे फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस को सूचित किया जाता है। हवाई क्षेत्र खाली करना भी शामिल है यानी कि विमानों को वैकल्पिक मार्गों पर भेजा जाता है। एटीसी पायलट को नेविगेशन, मौसम, या रनवे की जानकारी देता है।

एआई-171 दुर्घटना में, एटीसी ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जवाब न मिलने पर तुरंत आपातकालीन सेवाएं भेजीं।

एयर इंडिया एआई -171 दुर्घटना का विवरण

गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, पंजीकरण वीटी-एएनबी) टेकऑफ के तुरंत बाद मेघनीनगर, अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री, 2 पायलट (कैप्टन सुमीत सभरवाल, 8,200 घंटे अनुभव; को-पायलट क्लाइव कुंदर, 1,100 घंटे अनुभव), और 10 केबिन क्रू शामिल थे। विमान 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा और फिर तेजी से नीचे गिरा, जिसके बाद विस्फोट और आग लग गई।

मेडे कॉल के बाद की घटनाएं

एआई-171 के मेडे कॉल के बाद रेडियो साइलेंस ने स्थिति की भयावहता दिखाई। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि तकनीकी खराबी के कारण विमान चढ़ाई में विफल रहा। भारी ईंधन ने दुर्घटना के प्रभाव को बढ़ाया। एटीसी ने तुरंत एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड भेजे, जबकि पुलिस ने क्षेत्र को सील कर ट्रैफिक डायवर्ट किया। एटीसी अधिकारी के मुताबिक मेडे कॉल एक जानलेवा संकट में पायलट की अंतिम कार्रवाई है, जो एटीसी को तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेरित करती है। एआई-171 की दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा और आपातकालीन प्रोटोकॉल की समीक्षा की जरूरत को उजागर किया।

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