लाइफ कोच ल्यूक कॉटिन्हो ने ‌दिए जिंदगी में खुश और स्वस्‍थ रहने के टिप्स | Sanmarg

लाइफ कोच ल्यूक कॉटिन्हो ने ‌दिए जिंदगी में खुश और स्वस्‍थ रहने के टिप्स

कोलकाता : लेडीज स्टडी ग्रुप ने महानगर में हाल ही में एक ज्ञानवर्धक सत्र का आयोजन किया, जिसमें प्रसिद्ध लाइफस्टाइल कोच एवं प्रेरक वक्ता ल्यूक कॉटिन्हो शामिल हुए। ल्यूक कोटिन्हो जीवन से जुड़ी टिप्स और ट्रिक्स लोगों से शेयर करते रहते हैं। कार्यक्रम का संचालन किया होस्ट कंचन वाडी ने। कार्यक्रम की शुरूआत अध्यक्ष भावना अग्रवाल ने गर्मजोशी से किया। इस दौरान भावना ने पांच तत्वों से प्रेरणा लेते हुए कार्यक्रम की थीम पेश की।
स्वास्थ्य समस्याओं के बारम में की बात
कार्यक्रम के दौरान ल्यूक ने बढ़ती जागरूकता के बावजूद स्वास्थ्य समस्याओं में प्रचलित वृद्धि को संबोधित करते हुए चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने इस प्रवृत्ति को गलत धारणाओं, लगातार स्वस्थ आदतों को बनाए रखने में असमर्थता और शरीर की सहज ज्ञान के साथ संरेखित करने के बजाय स्वास्थ्य को एक जुनून बनाने की प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बीमारी में योगदान देने वाले खाद्य श्रृंखला में व्यवधान जैसे पर्यावरणीय कारकों के बारे में भी बात की।
बीमारियां जीन्स में मिली हैं या नहीं
बीमारी की प्रवृत्ति में आनुवंशिकी की भूमिका के संबंध में बात करते हुए ल्यूक ने बताया कि जीवनशैली विकल्प यह निर्धारित करने में आनुवंशिक कारकों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं कि हमें बीमारियां जीन्स में मिली हैं या नहीं। उन्होंने अस्वस्थ पारिवारिक पैटर्न को तोड़ने के महत्व पर जोर दिया और जीवन में खुशी और पूर्णता के बीच अंतर करते हुए भावनात्मक कल्याण के महत्व पर प्रकाश डाला।
इंटरमिटेंट फास्टिंग पर कहा…
ल्यूक ने इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में बात करते हुए कहा कि आप 12 घंटे का उपवास करें या फिर 16 घंटे का ये पूरी तरह से आपके शरीर के पैर्टन पर निर्भर करता है। इसके साथ ही ल्यूक ने आंत को ठीक करने के सबसे सरल साधन के रूप में हमारे पाचन तंत्र को पर्याप्त आराम देने और अधिक खाने से बचने की वकालत की। खाद्य मिथकों और रुझानों के बारे में भावना के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यदि आपको देर रात भुख लगे या फिर आप कोई सोशल गैदरिंग में हो या आप कहीं ट्रैवल कर रहे हैं तो आपको फल, नट्स, सीड्स के विकल्पों का चयन करना चाहिए। ल्यूक ने उपचार और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में स्वीकृति के महत्व को रेखांकित करते हुए, अपने क्लाएंट्स पर प्रार्थना और विश्वास के परिवर्तनकारी प्रभाव को भी साझा किया। सत्र का समापन एक आकर्षक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ। इस दौरान दर्शकों ने पोषण और जीवनशैली के विभिन्न पहलुओं पर सवाल उठाए।

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