ब्रिगेड रैली द्वारा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू की वाम मोर्चा ने

माकपा की चार संगठनों श्रमिक, किसान, खेत मजदूर और बस्तीवासी के आह्वान पर ब्रिगेड परेड ग्राउंड में जनासभा
ब्रिगेड रैली द्वारा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू की वाम मोर्चा ने
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कोलकाता : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी में नई जोश का सृजन करते हुए, माकपा की चार जनसंगठनों की ओर से रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में जनसभा का आयोजन किया गया था। इस जनसभा के सबसे बड़े वक्ता माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम थे। उन्होंने अपना भाषण एक तीखे तंज से शुरू किया, मेहनतकश लोगों को अब नोंच-नोंच कर खाने पर मजबूर किया जा रहा है। सलीम ने कहा, 'जो लोग दूरबीन से लाल झंडा देखने की कोशिश कर रहे थे, ब्रिगेड में उमड़ी भीड़ ने उनके सीने में हलचल पैदा कर दी है। लाल झंडा सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, यह चिटफंड की लूट से नहीं खरीदा गया।' सलीम ने अपने भाषण में केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर हमलावर होते हुए कहा 'हमें ऐसी सरकार चाहिए जो सभी धर्मों के अधिकारों की रक्षा करे।

केंद्र सरकार ट्रेनें बेच रही है और राज्य सरकार कोलकाता की ट्राम। असल में तृणमूल और भाजपा का स्क्रिप्ट एक ही व्यक्ति तय कर रहा है वो हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले जब मोहन भागवत बंगाल आए थे तो उन्होंने तृणमूल और भाजपा दोनों को उनके आगामी किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दे दी है।' उन्होंने कहा 'काम के अवसर लगातार घट रहे हैं। केंद्र और राज्य, कहीं भी नई नियुक्तियाँ नहीं हो रही हैं। जहां हो रही हैं, वहां भारी भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। 26 हजार लोगों की नौकरियाँ चली गईं। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने करारा तमाचा मारा है।' मुर्शिदाबाद में घटी साप्रदायिक घटनाओं पर तृणमूल और भाजपा को घरेते हुए उन्होंने कहा 'जो धर्म के नाम पर व्यापार करते हैं, वे बांग्लादेश की तरफ देखें। हम मुर्शिदाबाद को बांग्लादेश जैसा अल्पसंख्यक उत्पीड़न का इलाका नहीं बनने देंगे।

हमें एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि 'हमारी मांग है कि जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा फैलाई, उसके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज करे वरना हम हर थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे। वक्फ कानून में संशोधन को लेकर उन्होंने कहा, 'भाजपा और तृणमूल के चंद सांसदों को छोड़कर पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। कहीं कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन मुर्शिदाबाद में क्यों हुई? जो मारे गए हैं, उनके परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए। भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। हम घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हैं। साजिश किसने की, पर्दे के पीछे कौन थे, सब सामने आना चाहिए। जो कह रहे हैं कि हमलावर बाहरी थे, तो वे अंदर आए कैसे?' इस दौरान माकपा के बड़े नेता विमान बोस, सूर्यकांत मिश्रा व अन्य मौजूद थे।

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