

मधुर, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : रौशनी और उत्सव की रात दिवाली, कोलकातावासियों के लिए हवा की गुणवत्ता के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हुई। महानगर में दिवाली की रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुँच गया, और कई इलाकों में यह 'सीवियर' यानी बेहद अस्वस्थ श्रेणी में दर्ज किया गया। प्रदूषण का यह स्तर सामान्य से कई गुना अधिक रहा, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी सामने आने लगीं।
शहर में शाम 8 बजे के बाद वायु प्रदूषण में तेजी से इजाफा देखा गया। प्रशासन द्वारा पटाखे जलाने की अनुमति केवल रात 8 से 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन इस तय सीमा के बाद भी कई इलाकों में देर रात तक पटाखों की आवाजें गूँजती रहीं। इससे स्पष्ट हुआ कि नियमों का पालन सख्ती से नहीं किया गया।
वातावरण में सूखापन, ठंडी हवाओं की कमी और भारी मात्रा में आतिशबाजी ने मिलकर ऐसा जहरीला माहौल बना दिया कि पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) का स्तर गंभीर स्थिति में पहुँच गया। सोमवार की सुबह से ही कई इलाकों में दृश्यता कम रही, और नागरिकों ने खाँसी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं की शिकायत की।
सबसे चिंताजनक स्थिति मानिकतल्ला और विक्टोरिया इलाके में देखी गई। मानिकतल्ला में AQI 595 तक दर्ज किया गया, जो कि खतरनाक सीमा से भी कहीं ऊपर है, जबकि विक्टोरिया क्षेत्र में AQI 306 रहा। अन्य प्रमुख इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही – रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में AQI 207, ढाकुरिया में 208, बालीगंज में 212, विधाननगर में 219, फोर्ट विलियम में 205, चेतला में 187 और जादवपुर में 163 मापा गया।