कोलकाता में पहली बार महिला संचालित पटाखा बाजार की तैयारी

केवल ग्रीन क्रैकर्स की होगी बिक्री
सांकेतिक चित्र
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कोलकाता : इस साल काली पूजा और दीपावली के पहले कोलकाता में एक अनोखी पहल होने जा रही है। राज्य का पहला पूर्ण रूप से महिला संचालित पटाखा बाजार शुरू होने जा रहा है। इस बाजार में केवल महिलाएं ही दुकानें संभालेंगी और ग्रीन पटाखों की ही बिक्री की जाएगी। सारा बंगाल आतिशबाजी विकास समिति के चेयरमैन बाबला रॉय ने जानकारी दी कि इस बार महिलाएं स्वयं पटाखों का व्यवसाय करेंगी। उत्तर कोलकाता के बागबाजार सार्वजनिक मैदान में यह विशेष बाजार आयोजित किया जाएगा। यह बाजार काली पूजा और दीपावली से कुछ दिन पहले प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित होगा। हर दुकान पर महिलाएं खुद खड़ी होकर ग्राहकों को पटाखे बेचेंगी। बाजार में सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स की बिक्री की अनुमति होगी और सभी अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

पुलिस के साथ बैठक आज

इस संबंध में शुक्रवार को कोलकाता पुलिस और पटाखा व्यापारियों के बीच बैठक होगी। पुलिस ने पहले ही निर्देश दे दिया है कि ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य प्रकार की कोई आतिशबाजी नहीं बेची जाएगी। बैठक के दौरान पटाखा विक्रेता अपनी समस्याएं पुलिस के सामने रखेंगे। वे पुलिस से अनुरोध करेंगे कि महिला संचालित बाजार में पर्याप्त संख्या में महिला पुलिसकर्मी और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं ताकि वहां किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। बैठक में व्यापारियों की ओर से 125 डेसिबल तक के चॉकलेट बम को कानूनी मान्यता देने की अपील की जाएगी। इसके साथ ही ग्रीन पटाखों की पहचान के लिए नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के क्यूआर कोड या लोगो हर पैकेट पर अनिवार्य करने की मांग भी रखी जाएगी। गोदाम से बाजार तक वैध बिल के साथ पटाखों की ढुलाई पर रोक न लगे, इसकी भी अपील की जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि पटाखों की वैधता साबित होती है तो उन्हें नाका चेकिंग में नहीं रोका जाएगा। लेकिन अवैध, प्रतिबंधित या ज्यादा शोर करने वाले पटाखे पाए जाने पर उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। पुलिस जल्द ही पटाखों की जांच करेगी, जिसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन से पटाखे वैध हैं और कौन से नहीं। इसके बाद एक विस्तृत सूची व्यापारियों को सौंपी जाएगी ताकि सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

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