

कोलकाता : एक प्रवासी बंगाली नागरिक से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में पुलिस ने एक फर्जी उद्योगपति को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त का नाम त्रिभुवन यादव है। कोलकाता के गरियाहाट थाना की पुलिस ने उसे इंदौर से ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया है। शनिवार को उसे अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे 2 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभियुक्त पर कुल मिलाकर 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के आरोप हैं।
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार गरियाहाट निवासी निशीथ गंगोपाध्याय लंदन में कार्यरत हैं। वह समय-समय पर कोलकाता आते रहते हैं। 2023 की शुरुआत में जब वे भारत लौटे, तो एक पार्टी में उनकी मुलाकात त्रिभुवन यादव से हुई। त्रिभुवन ने खुद को इंदौर का एक सफल उद्योगपति बताया। उसने कथित तौर पर अपने कारखानों की तस्वीरें और दस्तावेज भी दिखाए। उस समय निशीथ भारत में निवेश करने की सोच रहे थे। त्रिभुवन ने उन्हें सलाह दी कि इंदौर जैविक ईंधन (बायोफ्यूल) उद्योग के लिए उपयुक्त स्थान है और इसमें भविष्य उज्ज्वल है। कई दौर की बातचीत के बाद निशीथ ने त्रिभुवन की बातों पर भरोसा कर एक संयुक्त कंपनी बनाने का निर्णय लिया। त्रिभुवन ने बताया कि इंदौर में जमीन देख ली गई है और धीरे-धीरे बैंक के माध्यम से कुल 3.38 करोड़ रुपये उसने निशीथ से ले लिये। जब निशीथ इंदौर जाकर सब कुछ देखना चाहते थे, तो त्रिभुवन ने बहाने बनाने शुरू कर दिये। कभी ईडी और सीबीआई की कार्रवाई का हवाला दिया, तो कभी कस्टम विभाग की सख्ती की बात कही। इस टालमटोल से निशीथ को शक हुआ और उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से संपर्क किया। तब उन्हें पता चला कि किसी भी नये उद्योग के लिए कोई आवेदन जमा नहीं किया गया है।
इसके बाद दिसंबर 2024 में निशीथ ने कोलकाता लौटकर गरियाहाट थाने में शिकायत दर्ज करायी। पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं में जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को आरोपित के मोबाइल नंबर का पता चला, लेकिन वह बार-बार नंबर बदलता रहा। तीन दिन पहले पुलिस को उसका नया नंबर मिला, जिससे उसकी लोकेशन इंदौर में पायी गयी। इसके बाद गरियाहाट थाने की टीम इंदौर पहुंची और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि त्रिभुवन ने उद्योगपति बनकर कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। अनुमान है कि कुल ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर अन्य पीड़ितों की जानकारी जुटा रही है।