हेल्थ सेंटर की बदहाली को लेकर ‘79 साल का युवक’ हाई कोर्ट में
कोलकाता : अगर जज्बा बरकरार हो तो समाज सुधार के लिए लड़ाई लड़ने मेें उम्र आड़े नहीं आती है। यही वजह है कि ‘79 साल का युवक’ चित्तरंजन मनि अपने मोहल्ले के हेल्थ सेंटर की बदहाली को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गया। चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम ने उनकी बात सुनी, आदेश दिया और अब हेल्थ सेंटर की सूरत बदल जाएगी।अब जरा सूरतेहाल बदलने का अंदाज देखिए। चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इस हेल्थ सेंटर में रोजाना नियम से एक डॉक्टर आएंगे और कतार के अंतिम मरीज को देखने के बाद ही वापस जाएंगे। चीफ मेडिकल अफसर को इस व्यवस्था की नजरदारी रखने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस ने सीएमओ को आदेश दिया है वे इस हेल्थ सेंटर के लिए नये सिरे से ईंटों की चहारदीवारी बनायी जाए। इसके साथ ही इस हेल्थ सेंटर की खाली पड़ी जमीन पर से अवैध कब्जे को तत्काल हटाया जाए और प्रमोटरों की निगाहों से इस खाली जमीन को दूर रखा जाए। पीएचई को आदेश दिया है कि वह सात दिनों के अंदर वहां रखे गए पाइप को हटा ले। स्टाफ क्वाटर के जिस हिस्से को तोड़ा गया है उसके साथ ही पूरे स्टाफ हाउस की नये सिरे से मरम्मत की जाए। बस इतना भर ही तो इस युवक ने चीफ जस्टिस से मांगा था और वह मिल गया। यहां गौरतलब है कि चित्तरंजन मान के पिता ने दक्षिण 24 परगना के बकुलतला में एक अस्पताल बनाये जाने के लिए 1971 में तीन एकड़ जमीन दान में दी थी। अस्पताल 1992 से चालू हो गया और ठीक ठाक चल रहा था पर पिछले कुछ सालों से सूरत बदल गई थी। कुछ ऐसा लगने लगा था कि प्रमोटरों की निगाहें इस अस्पताल पर आकर ठहर सी गई हैं। सो 79 साल के युवक ने लड़ने का बीड़ा थाम लिया।