

कोलकाता: कोलकाता की 122 साल पुरानी नाहोम बेकरी ने अपनी भोजन सूची से चिकन से बनी वस्तुओं को हटाने का फैसला किया है और इसका कारण ऐसे पोल्ट्री मांस की कमी को बताया है जो वध के लिए विशिष्ट यहूदी धार्मिक मानकों को पूरा करते हों। कोलकाता के ऐतिहासिक न्यू मार्केट में स्थित प्रतिष्ठित नाहोम बेकरी ने सबसे ज्यादा मशहूर 'चिकन पैटी' बनाना बंद कर दिया है। यह फैसला 'कोशेर चिकन' की उपलब्धता में मुश्किल के कारण लिया गया है। 'कोशेर चिकन' के तहत मांस के लिए मुर्गे का एक निर्धारित पद्धति के जरिए वध किया जाता है और यह शहर में आसानी से उपलब्ध नहीं है, क्योंकि दुकानदार मुर्गे का वध करने के लिए अलग तरीके का इस्तेमाल करते हैं। नाहोम के प्रवक्ता जगदीश चंद्र हलदर ने सोमवार को बताया कि यह निर्देश इजराइल में रहने वाले बेकरी के मालिक एडम नाहोम की ओर से आया है। वह इसके चौथी पीढ़ी के मालिक हैं। उन्होंने कहा 'कोशेर चिकन की अनुपलब्धता के कारण हमने चिकन की वस्तुओं को बेचना बंद कर दिया है।'' हलदर ने कहा कि यह निर्णय जनवरी में ही बता दिया गया था और इसे धीरे-धीरे लागू किया गया है, जिसमें यहूदी परंपराओं के तहत शनिवार को बेकरी बंद करना भी शामिल है। इस बदलाव के बावजूद बेकरी अपने प्रसिद्ध केक और पेस्ट्री की बिक्री जारी रखेगी। इस बेकरी की स्थापना 1902 में शहर में हुई थी और 1916 में यह वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित की गई थी। नाहोम बेकरी कोलकाता के खानपान संबंधी समृद्ध इतिहास का प्रतीक बनी हुई है।