

कोलकाता : महानगर की जर्जर इमारत इन दिनों खतरों का कारण बनती जा रही है। ऐसे में खतरों को भापते हुए कोलकाता नगर निगम ने अब इसपर कार्रवाई करना भी शुरु कर दिया है। शनिवार को कोलकाता नगर निगम के वार्ड नम्बर 2 के गणपति सूर सरणी में स्थित कुमार आशुतोष (ब्रांच) स्कूल को निगम ने जर्जर घोषित करते हुए उसके एक हिस्से को तोड़ दिया। निगम द्वारा उस इमारत को जल्द से जल्द खाली करने का नोटिस देते हुए पुन: 8 अगस्त यानी गुरुवार को तोड़ने की तारिख दी है। निगम सूत्रों के अनुसार, यह इमारत करीब 100 साल पुरानी है और यह कभी भी गिर सकती है। वहीं निगम द्वारा की गयी कार्रवाई के कारण इस मकान के नीचे स्थित करीब 21 दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की समस्या आ गयी है। उनका आरोप है कि निगम द्वारा बिना नोटिस दिये ही इमारत को तोड़ा गया है। इस संबंध में स्थानीय पार्षद काकली सेन ने कहा कि दमदम स्टेशन पास में होने के कारण यहां प्रतिदिन हजारों के तदाद में लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में इसके गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इस तरह के जर्जर इमारत से पहले कई हादसे भी हो चुके है। हाल ही में बागुईआटी में एक मकान के गिरने से एक छात्र की मौत हो गयी थी। वहीं कुछ साल पहले बड़ाबाजार में भी एक जर्जर इमारत के गिरने से 3 लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे ही पिछले साल अगस्त महीने में भी पाथुरियाघाट स्ट्रीट में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गयी थी।
नहीं चलेगी लोगाें की मनमानी
दमदम स्टेशन के निकट की खतरनाक इमारत को ताेड़कर निगम ने यह संदेश दिया है कि अब लोगों की मनमानी नहीं चलेगी। नोटिस देने के बाद भी नहीं सुनने वाले के खिलाफ अब निगम एक्शन लेगा। खुद निगम इसकी जिम्मेदारी लेते हुए बार-बार नोटिस देने पर नहीं सुनने वाले को खिलाफ कार्रवाई कर करेगा। बिल्डिंग विभाग के अनुसार खतरनाक इमारतों के खिलाफ पहले से ही कार्रवाई की जा रही है। मालूम हो कि कोलकाता में कुल पुराने मकानों की संख्या 1500 से 2000 है और इन पुराने मकानों में 'हाई रिस्क' मकानों की संख्या 20 से 25 है। वहीं वार्ड नम्बर 21 में ही 108 खतरनाक इमारत होने का दावा किया गया है।