कोलकाता एयरपोर्ट ने रचा नया रिकॉर्ड, 50 मीटर विजिबिलिटी में भी सुरक्षित लैंडिंग

ढाका–गुवाहाटी की फ्लाइट्स कोलकाता पहुंचीं सुरक्षित 
कोलकाता एयरपोर्ट ने रचा नया रिकॉर्ड, 50 मीटर विजिबिलिटी में भी सुरक्षित लैंडिंग
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नेहा, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : घने कोहरे के बीच उड़ानों को संचालित कर कोलकाता एयरपोर्ट ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। कोलकाता एयरपोर्ट के प्राथमिक रनवे पर कैटेगरी (CAT) III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) की उपलब्धता ने इस सर्दी में भी निर्बाध संचालन सुनिश्चित किया है, जबकि इस सप्ताह शहर में कई दिनों तक कोहरा छाया रहा। गुरुवार की तड़के दृश्यता घटकर 550 मीटर होने पर रात के 2.32 बजे लो विजिबिलिटी प्रोसीजर लागू किया गया। CAT-III ILS की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट पर संचालन जारी रहने से ढाका और गुवाहाटी से आने वाली वे उड़ानें बचाई जा सकीं, जो घने कोहरे के कारण वहां लैंड नहीं कर सकीं। इन दोनों जगह CAT-III ILS उपलब्ध नहीं है। जबकि कोलकाता में 50 मीटर तक की दृश्यता में भी उड़ान संचालन संभव है। एक अधिकारी के अनुसार, “गुरुवार और शुक्रवार को घने कोहरे के कारण कोलकाता एयरपोर्ट ने कुल 18 फ्लाइट डाइवर्जन संभाले। इनमें 11 उड़ानें ढाका से और 7 गुवाहाटी से डायवर्ट हुईं।”

हवा की दिशा उत्तर से दक्षिण होने के कारण विमान दक्षिण दिशा (न्यू टाउन की ओर) से अप्रोच कर रहे हैं और उत्तर दिशा से टेकऑफ कर रहे हैं। पायलटों का कहना है कि रनवे के दोनों सिरों पर CAT-III ILS उपलब्ध होने से यह भरोसा बना रहता है कि दृश्यता और घटने पर भी संचालन जारी रह सकेगा। एक अधिकारी ने कहा, “अब तक इस सीजन में कोलकाता एयरपोर्ट को बहुत घने कोहरे की चुनौती नहीं मिली। सिर्फ एक दिन रात के 2.32 बजे से 4.05 बजे तक दृश्यता काफी कम रही। लेकिन हमें भरोसा है कि 50 मीटर से नीचे दृश्यता गिरने तक संचालन जारी रहेगा। एयरपोर्ट और एयरलाइंस, दोनों पूरी तरह तैयार हैं।”

अधिकारी ने कहा

फॉग सीजन में कोलकाता बना लाइफलाइन, यात्रियों ने जताया आभार

एक यात्री ने X पर लिखा, “धन्यवाद @AAI_Official, जब ढाका में कोहरे के कारण विमान नहीं उतर पा रहे थे, तब कोलकाता एयरपोर्ट ने मदद की।” ढाका से डाइवर्ट होकर आए एक बांग्लादेशी यात्री मोहम्मद तरीकुल इस्लाम ने कहा, “घने कोहरे के कारण आठ में से चार उड़ानें फिर से कोलकाता उतरी हैं। लगता है अब सभी दिल्ली की ओर जा रहे हैं।” पायलटों का कहना है कि रन वे के दोनों सिरों पर CAT-III ILS उपलब्ध होने से संचालन की विश्वसनीयता और दक्षता दोनों बढ़ेगी। बदलती हवा की दिशा के बीच भी उड़ानें सुरक्षित रूप से चलाई जा सकेंगी, क्योंकि विमान हमेशा हवा के विपरीत दिशा में उतरते हैं।

हवा बदली, दिशा बदली… पर उड़ान नहीं रुकी : CAT-III ने किया कमाल

“यदि कोहरा या तेज बारिश के कारण दृश्यता घटती है, तो भी हवा की दिशा जैसी भी हो, संचालन जारी रह सकता है।” दूसरे पायलट ने बताया कि इससे ATC को यह सुविधा मिलेगी कि उत्तर की ओर से ज्यादा उड़ानें होने पर माध्यमग्राम छोर और दक्षिण की ओर से अधिक उड़ानें होने पर राजारहाट छोर का इस्तेमाल किया जा सके।

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