कोलकाता : रात को घड़ी में एक बज रहा होगा। रविवार होने के कारण जल्दी ही खाकर सो गया था। ऐसे में अचानक लोगों ने शोर मचाकर उठाया। दुकान का शटर खोला तो लोगों ने बताया कि मार्केट की अंडा पट्टी में आग लग गयी है। ऐसे में जब आग कहां तक फैली देखने पहुंचा और लौटा उतनी ही देर में आग मेरी दुकान तक पहुंच गयी। मालिक को फोन किया उतनी ही देर में आग ने मेरी दुकान को भी अपनी चपेट में ले लिया। यह कहना है ऑर्फेनगंज मार्केट की एक शिपिंग सप्लायर की दुकान में काम करनेवाले रोशन अली का। रोशन ने बताया कि आग मार्केट में इतनी तेजी से फैली मानो किसी ने आग फैलाने के लिए केमिकल छिड़क दिया हो। ऐसा ही कुछ मानना है कि मार्केट की सब्जी पट्टी में वर्षों से दुकान चला रहे प्रमोद शाह का। उन्होंने बताया कि मार्केट में उनकी आलू-प्याज की दुकान है। वह रविवार की रात आलू-प्याज खरीदने के लिए सियालदह गये थे। जब रात के दो बजे लौटे तो मार्केट में आग लगी हुई थी। उनकी दुकान आग में पूरी तरह जलकर राख हो गयी है। उनके कई पुश्तों से यह दुकान चल रही थी। बेहला के रहनेवाले समीर दत्ता ने बताया कि आग में उनकी चावल की दुकान बुरी तरह जल गयी। वह जब तक बेहला से मार्केट पहुंचे तब तक उनकी दुकान पूरी तरह आग की चपेट में थी। उन्होंने बताया कि दमकल के इंजन डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे। उनमे से कई इंजन में पानी नहीं था। पानी के लिए आदि गंगा में पाइप डाला गया लेकिन मोटर नहीं था। मोटर का जुगाड़ किया गया तो तेल नहीं था। बाद में दुकानदारों ने तेल खरीदकर मोटर चलाने की व्यवस्था की।
तेज धुएं के कारण दमकल कर्मियों को आग बुझाने में आयी दिक्कत
जानकारी के अनुसार रविवार की देर रात ऑर्फेनगंज मार्केट में आग लग गई। आग पहले मार्केट में अंडा पट्टी की दुकान में लगी। इसके बाद धीरे-धीरे मक्खन पट्टी, मसाला पट्टी और सब्जी पट्टी की दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। महज कुछ मिनट के अंदर मार्केट की करीब एक हजार से अधिक दुकानें आग की चपेट में आ गयीं। मक्खन और तेल की दुकानों में आग लगने के बाद एक के बाद एक दुकान और गोदाम में आग फैलती गई। दमकल विभाग को सूचना दी गई। स्थानीय व्यापारियों की शिकायत है कि इसके बाद भी दमकल विभाग हरकत में नहीं आया। व्यापारियों का दावा है कि इसके बाद उन्होंने 100 नंबर डायल किया। करीब डेढ़ घंटे बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। व्यापारियों की यह भी शिकायत है कि दमकल विभाग के पास जरूरी पानी नहीं था। कुछ देर बाद गंगाजल का इंतजाम कर आग बुझाने का काम शुरू हुआ। सोमवार की सुबह भी कई जगहों पर आग की लपटें उठती रहीं।
इस बेहद प्राचीन बाजार में महंगे मसालों से लेकर फलों और रोजमर्रा की जरूरत की हर चीज की दुकानें हैं। बताया जाता है कि रविवार रात को लगी भीषण आग में कम से कम 700 दुकानें जलकर राख हो गईं। ऐसे में व्यापारियों का चिंतित होना स्वाभाविक है। पीड़ितों का कहना है कि अगर समय रहते दमकल विभाग ने काम शुरू कर दिया होता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। इस बीच, दमकल मंत्री सुजीत बसु ने सोमवार की सुबह घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने दमकल विभाग पर लापरवाही के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने काम शुरू कर दिया था। आर्फेनगंज मार्केट के आसपास का इलाका काफी घनी आबादी वाला है। इसलिए आग के स्रोत तक पहुंचने के लिए दमकल विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उस मार्केट में आग कैसे लगी। अग्निशमन व्यवस्था पर्याप्त थी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।