

सन्मार्ग संवाददाता कोलकाता : हावड़ा के एक निजी अस्पताल में तीन दिन के शिशु की रहस्यमयी मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वर्ष 2022 में घटित इस घटना की जांच को लेकर अब एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पश्चिम बंगाल क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एंड रेगुलेटरी कमिशन ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त को एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है।
शिशु था पूरी तरह स्वस्थ, फिर कैसे हुई मौत?
स्वास्थ्य कमिशन के अध्यक्ष (जस्टिस रिटा.) असीम कुमार बनर्जी ने बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान बताया कि शिशु के माता-पिता द्वारा आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में प्रसूता महिला को हावड़ा स्थित उक्त निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सामान्य प्रसव के बाद एक स्वस्थ शिशु का जन्म हुआ था, लेकिन तीन दिन के भीतर ही उसकी मौत हो गई। मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
स्थिति को संभालने के लिए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। शिशु की पोस्टमार्टम जांच में उसके सिर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए थे। यह चोट कैसे और किन परिस्थितियों में लगी, इसका अब तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। मामले की जांच के लिए हावड़ा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि शिशु की मृत्यु न तो नियोनेटोलॉजी विभाग की किसी चूक से हुई थी और न ही किसी सर्जिकल कारण से। उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए असीम कुमार बनर्जी ने हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट को निर्देश दिया कि मामले के पूर्व जांच अधिकारी विप्लव दास, वर्तमान जांच अधिकारी शुभेंदु चक्रवर्ती के साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त कर एक एसआईटी गठित कर, मामले की पुनः जांच करें।