कोलकाता: जमाई षष्ठी बंगाली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, क्योंकि यह सास और दामाद के बीच मजबूत बंधन का प्रतीक है। आज पूरे राज्य में जमाई षष्ठी मनाया जा रहा है। बंगाल के विख्यात पर्व जमाई षष्ठी को लेकर इस वर्ष फलों का राजा ‘आम’ ने उत्साह फीका कर दिया है। ऐसे में फलों का राजा ‘आम’ आम आदमी के जेब पर भारी पड़ रहा है। गर्मी शुरू होते ही लोगों को सबसे ज्यादा इसी सीजन का इंतजार रहता है, लेकिन फलों के राजा आम की बढ़ी हुई कीमतें इस बार लोगों खासकर मध्यम वर्ग के लोगों के जेब पर भारी पड़ रही हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में आमों के पकने से पहले ही आए चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ ने इस सीजन की फसल पर काफी गहरा असर डाला है। तूफान के दौरान पेड़ों से बड़ी मात्रा में फल गिरकर नष्ट हो गये जिससे आम की कीमत में बड़ी उछाल आयी है। हालांकि आम की खेती ज्यादातर दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, नदिया और मुर्शिदाबाद, मालदह आदि जगहों पर की जाती है, लेकिन इस साल चक्रवात के कारण उपज काफी खराब हो गयी है। अगर कहा जाये कि चक्रवाती तूफान रेमल ने जाते जाते आमों का स्वाद फीका कर गया तो इसमें अतिशयोक्ति नहीं होगी। व्यापारियों के अनुसार लंबे समय तक सर्दी के कारण एक तो आम की कलियां कम आईं और उसकेे बाद हुई बारिश ने बची खुची कलियों को नष्ट कर दिया। ऐसे में फल विक्रेताओं के अनुसार पिछले साल की तूलना में इस साल आम की कीमत काफी अधिक है और आगे भी रहेगी, भले ही उनमें बहुत ज्यादा का अंतर न हो। ऐसे में बड़ाबाजार स्थित मछुआ मंडी में सन्मार्ग की टीम ने पहुंचकर कुछ फल विक्रेताओं से बातचीत की।
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क्या कहना है फल व्यापारियों का ?
बड़ाबाजार के फल विक्रेता सीतारमण मंडल ने बताया कि जमाई षष्ठी पर आम की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण है आम पकने से पहले ही भारी बारिश और तेज आंधी जिसने आम की फसल को नष्ट कर दिया है। इसलिए इस साल आम की कीमतें बढ़ी हुई हैं। हालांकि पिछले साल असाधारण रूप से ज्यादा उपज देखी गयी थी, इसलिए दाम कम था। इस साल आपूर्ति और ज्यादा मांग ने कीमतों को 20 रुपये से 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ा दिया है। मो. साबिर ने कहा कि इस साल ज्यादातर बाजारों में आम की आपूर्ति अचानक कम हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल कम फसल हुई है जिसके कारण कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। अमित अग्रवाल ने बताया कि इस साल आई आंधी ने किसानों को झटका तो दिया ही साथ ही आम व्यापारियों का भी धंधा चौपट कर दिया है। उन्होंने कहा कि भीषण आंधी आने से तैयार आम की कलियां गिरकर बागानों में ढेर हो गईं। इसलिए बाजारों में आम की आपूर्ति कम देखी जा रही है।
रिपोर्ट- मुनमुन ठाकुर