

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अपने वैश्विक शैक्षणिक और शोध नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, आईआईटी-खड़गपुर के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने अमेरिका के ओमाहा में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर (यूएनएमसी) के चांसलर डेले डेविस के साथ संयुक्त अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग पर उच्चस्तरीय चर्चा की। संस्थान ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बयान के अनुसार, इन चर्चाओं का मुख्य फोकस इंजीनियरिंग नवाचार और क्लिनिकल मेडिसिन के समन्वय पर रहा, खास तौर पर ऐसी अगली पीढ़ी की डायग्नोस्टिक तकनीकों के विकास पर, जो किफायती हों, बड़े पैमाने पर लागू की जा सकें और वास्तविक स्वास्थ्य सेवाओं में प्रभावी रूप से इस्तेमाल की जा सकें।
अपने दौरे के दौरान सुमन चक्रवर्ती ने यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का–लिंकन (यूएनएल) के बायोलॉजिकल सिस्टम्स एंड इंजीनियरिंग (बीएसई) कार्यक्रम के नेतृत्व से भी मुलाकात की। इससे दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक और शोध सहयोग के नए अवसर खुलने की संभावना बनी है।
डीन डेरेक मैक्लीन के नेतृत्व में हुई बैठकों में बीएसई प्रमुख मार्क स्टोन, संतोष पिटला, एंजी पैनियर और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट डीन मार्क राइली भी शामिल रहे। इन चर्चाओं में बायोलॉजिकल सिस्टम्स इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स, एडवांस्ड इमेजिंग और पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड तकनीकों जैसे क्षेत्रों में डीप-टेक सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया।
इसके अलावा, एनटीटीएल स्प्लिंटर्स लैब और रोबोटिक्स लैब के दौरे ने वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक ट्रांसलेशनल रिसर्च के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत किया, विशेष रूप से संसाधन-संकट वाले क्षेत्रों में उपयोग के लिए अत्याधुनिक इमेजिंग और अल्ट्रासाउंड समाधानों के विकास को लेकर।
यह पूरा दौरा दीपक खज़ांची, यूएनएल के फैकल्टी सदस्य और आईआईटी-खड़गपुर के विशिष्ट पूर्व छात्र, के समन्वय से संपन्न हुआ, जो वैश्विक आईआईटी एलुमनी नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।