कोलकाता : एक अवैध निर्माण के मामले में हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने दो प्रमोटरों को जमानत राशि के रूप में एक करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया है। यह रकम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास 12 अप्रैल तक जमा करनी पड़ेगी। इसके साथ ही अवैध निर्माण को गिराये जाने का आदेश दिया है। यह अवैध निर्माण साल्ट लेक के सेक्टर चार में शांतीनगर में कराया गया है। बगैर किसी मंजूरी के पांच मंजिली बिल्डिंग बनायी गई है। जस्टिस सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की बिजली सप्लाई कंपनी को बिजली कनेक्शन काटे जाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विधाननगर नगरनिगम को पानी का कनेक्शन काटने का आदेश दिया है। इस बिल्डिंग में भूतल पर तीन दुकानें हैं और बाकी फ्लैट हैं। जस्टिस सिन्हा ने दुकानदारों और फ्लैट में रहने वालों से 30 अप्रैल तक इसे खाली करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि पूरे क्षेत्र में इस बिल्डिंग की तस्वीर और पता बताते हुए नोटिस चस्पा किए जाएं कि यह बिल्डिंग अवैध है और इसे तोड़ा जाना है।