

कोलकाता : जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जीवनरक्षक दवाओं, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में भारी राहत दी है। इस कदम से इलाज की लागत में औसतन 8 से 10 प्रतिशत तक की कमी आने की उम्मीद है। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों और अस्पताल प्रबंधकों ने काउंसिल के इस निर्णय का स्वागत किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि काउंसिल के इस निर्णय से देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों की प्रतिक्रिया
मणिपाल हॉस्पिटल्स ईस्ट के रीजनल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ. अयनाभ देवगुप्ता ने जीएसटी काउंसिल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 'जीएसटी सुधार देश की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप नीतियों को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी को पूरी तरह माफ करना और 30 से अधिक अहम दवाओं पर दरों में कटौती से कैंसर के इलाज, दुर्लभ बीमारियों की थेरेपी की लागत में वास्तविक रूप से कमी आएगी।' वुडलैंड्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के महाप्रबंधक एवं सीईओ रूपक बरुआ ने बताया कि 'मेडिकल इनपुट्स जैसे ऑक्सीजन और एनेस्थेटिक्स पर टैक्स में कटौती और बीमा पर छूट से इलाज की लागत में सीधी राहत मिलेगी। इससे व्यापक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा मिलेगा।'
सीएमआरआई, कोलकाता के यूनिट हेड सोमव्रत राय ने कहा कि 'अस्पतालों के लिए अब यह संभव होगा कि वे सस्ती दरों पर उन्नत इलाज उपलब्ध कराएं। यह निर्णय मध्यम वर्गीय परिवारों के हित में है।' डेसुन हॉस्पिटल के चेयरमैन एवं महाप्रबंधक सजल दत्ता ने कहा कि 'यह फैसला सीधे मरीजों और उनके परिवारों के खर्च को कम करेगा। जीवनरक्षक दवाओं और बीमा पर जीएसटी में कमी से इलाज सस्ता और अधिक सुलभ होगा।' मणिपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप्त सेठी ने कहा कि 'ये बदलाव स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए किफायती और सुलभ बनाने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।' एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. अर्घ्य चट्टोपाध्याय ने कहा कि 'यह सिर्फ टैक्स में कटौती नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं को एक अधिकार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।'
स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी में राहत : क्यों है यह अहम
कैंसर, हृदय रोग, किडनी संबंधी बीमारियों और दुर्लभ रोगों की दवाएं अब जीएसटी से मुक्त हो गई हैं। इसके अलावा, ऑक्सीजन, एनेस्थेटिक्स, थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है। इससे मरीजों पर आर्थिक बोझ कम होगा और इलाज के लिए पहुंच आसान होगी।