129 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में अमृत प्रोजेक्ट्स के निदेशक गिरफ्तार

129 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में अमृत प्रोजेक्ट्स के निदेशक गिरफ्तार
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4 जनवरी तक की हुई रिमांड
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सिरियस फ्रॉड इंवे​स्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने हाल ही में हावड़ा स्थित अमृत प्रोजेक्ट्स के निदेशक कैलाश चंद दूजारी को गिरफ्तार किया। इन पर 129 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी पर यह आरोप है कि उसने बाजार से अवैध तरीके से धन इकट्ठा किया, जिससे कई निवेशकों को नुकसान हुआ। इससे पहले, बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी को निवेशकों के पैसे के साथ ब्याज वापस करने का निर्देश दिया था। इस मामले की जांच 2016 में सेबी द्वारा शुरू की गई थी, जब कंपनी की गतिविधियां पहली बार संदेह के घेरे में आईं।
मास्टर माइंड मान कर व्यवसायी को किया गया गिरफ्तार
जांच के दौरान यह पाया गया कि तीन कंपनियों अमृत प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, अमृत प्रोजेक्ट्स (एनई) लिमिटेड और अमृत बाजार सेवा लिमिटेड ने 2004 से 2016 के बीच बाजार से 129 करोड़ रुपये से अधिक का धन एकत्रित किया था। एसएफआईओ ने दावा किया कि दूजारी इस धोखाधड़ी योजना के "मास्टर माइंड" थे, जिन्होंने इन फंड्स का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने और अन्य संस्थाओं के पास स्थानांतरित करने में किया। 2016 में, सेबी ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जब उसने यह पाया कि कंपनियों ने बिना कानूनी प्रक्रिया के रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयर जारी किए थे और अन्य तरीकों से धन इकट्ठा किया था। सेबी ने कंपनी को यह धन और उस पर 15% वार्षिक ब्याज (आधा साल दर आधा साल संचित) के साथ वापस करने का आदेश दिया था। साथ ही, कंपनी को पूंजी बाजार तक पहुंच से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
दोनों ओर से कोर्ट में दी गयी दलीलें
अदालत में उपस्थित एसएफआईओ के वकील ने कहा कि दूजारी ने कंपनी के वित्तीय विवरणों में गड़बड़ी की और धोखाधड़ी से प्राप्त धन का उपयोग निजी लाभ के लिए किया। इसके अलावा, उन पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी के फंड्स को अन्य संस्थाओं के पास अवैध रूप से स्थानांतरित किया। दूजारी के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी "अवैध और दुर्भावनापूर्ण इरादों से की गई थी"। वकील ने यह भी कहा कि दूजारी जांच में सहयोग करने के लिए तैयार थे और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय मांग रहे थे।

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