

सतीश, सन्मार्ग संवाददाता
हुगली: डानकुनी नगर पालिका के 20 नंबर वॉर्ड की नजरुलपल्ली निवासी 60 वर्षीय हसीना बेगम की ‘एसआईआर’ (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) से जुड़े डर के कारण हृदयाघात से मृत्यु ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। सोमवार को श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे। उन्होंने ‘एसआईआर’ को भाजपा की "आतंक की साजिश" करार देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, गृह मंत्री अमित शाह, विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार पर तीखा हमला बोला। कल्याण ने कहा, “बंगाल में एसआईआर के आतंक से अब तक आठ लोगों की जान गई है। यह भाजपा की साजिश है, जो वोटरों को डराकर उनकी नागरिकता पर सवाल उठा रही है।” उन्होंने बताया कि हसीना बेगम 2002 की मतदाता सूची में नाम न होने की आशंका से तनावग्रस्त थीं। शनिवार को एसआईआर पर बैठक के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और रविवार रात दुकान से लौटते समय वे सड़क पर गिर पड़ीं। अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। तृणमूल ने इसे "आतंक का तीसरा शिकार" बताया, जबकि सांसद ने पानीहाटी के प्रदीप कार (57), बिरभूम के क्षितीश मजूमदार (95) और दीनहाटा में आत्महत्या के प्रयास सहित आठ मौतों का उल्लेख किया। सांसद ने बंगालवासियों से अपील की, “जब तक ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी और तृणमूल का साथ है, डरने की जरूरत नहीं। हम भाजपा को मैदान में और एसआईआर को कोर्ट में हराएंगे। एक भी वैध वोटर का नाम नहीं कटने देंगे।” उन्होंने मृतका की दो नातिनियों और नाती की शिक्षा-स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने का वादा किया।डानकुनी पालिका की चेयरपर्सन हसीना शबनम और अन्य नेता मौजूद थे। शबनम ने कहा, “एसआईआर का डर अल्पसंख्यकों में व्याप्त है। तृणमूल हेल्प डेस्क शुरू कर रही है। उन्होंने आम लोगों को आतंकित नहीं होने की अपील की है।