

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सभी को जय सियाराम।पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार सभी को हैपी न्यू ईयर।लेकिन हैपी कोई भी व्यक्ति तभी हो सकता है जब वह आनंदस्वरूप श्रीकृष्ण के नजदीक हो।भगवान श्रीकृष्ण का एक विशेष स्वभाव है वह हर परिस्थिति में मुस्कुराते रहते हैं अर्थात् हैपी रहते हैं।सच्चाई से अगर हैपी होना हो तो किसी भी माध्यम से श्रीकृष्ण से जुड़ना होगा।जो मदिरापान करके हैपी न्यू ईयर मनाते हैं,वे होश में नहीं होते।
ऐसी स्थिति में उन्हें कैसे पता चलेगा कि वे हैपी हैं या अनहैपी।ये दुख के अभाव को ही सुख मानते हैं।मदिरापान के नशे में सुखी होने का अनुभव करते हैं जो कि संभव नहीं।इसलिए आनंद स्वरूप श्रीकृष्ण और किशोरी जी के रास्ते पर बढ़ो।सन् 2025से सन्2026 की इस यात्रा में बाहरी प्रगति के साथ अंतर्मन की शुद्धि को मत भूलिए। सभी सकारात्मक सोच के साथ उन्नति करें।सभी को पुन:नववर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।