GST बना छोटे कारोबारियों के गले की फांस: अमित मित्रा

केंद्र की नीति से छोटे उद्योगों का दम घुटा
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प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता: देश में जीएसटी को लेकर जारी अव्यवस्था पर राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अमित मित्रा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर जारी एक विस्तृत बयान में उन्होंने बताया कि क्यों उन्होंने एक समय ममता बनर्जी को जीएसटी का समर्थन करने की सलाह दी थी और कैसे आज वही व्यवस्था छोटे और मझोले उद्योगों (MSME) के लिए गले की फाँस बन चुकी है।

अमित मित्रा ने कहा कि वर्ष 2009 में वैट व्यवस्था के दौर में छोटे व्यापारियों को केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, सरचार्ज सहित कुल 17 तरह के करों का बोझ उठाना पड़ता था। उनका मानना था कि एक सरल, पारदर्शी और डिजिटल कर प्रणाली उन्हें उस 'ऑक्टोपस' जैसे कर-जाल से मुक्त करेगी। इसी सोच के तहत ममता बनर्जी ने जीएसटी का समर्थन किया था।

हालांकि, मित्रा के अनुसार 2017 में केंद्र सरकार ने बिना पर्याप्त तैयारी और कमजोर आईटी ढांचे के साथ जीएसटी लागू कर दी। जीएसटीएन उस समय भारी संख्या में इनवॉइस प्रोसेस करने में सक्षम नहीं था। उन्होंने दावा किया कि अब तक सैकड़ों नोटिफिकेशन, बार-बार कानून संशोधन और जटिल फॉर्म भरने की मजबूरी ने 92 प्रतिशत कारोबारियों को संकट में डाल दिया है। इसके चलते भारी वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आयी हैं।

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