दीघा में निकली भव्य रथयात्रा, ममता ने की विधिवत शुरुआत

दीघा में निकली भव्य रथयात्रा, ममता ने की विधिवत शुरुआत
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मुख्यमंत्री ने स्वयं फोड़ा नारियल, छिड़का चंदन

सोने के झाड़ू से रथ मार्ग की सफाई की

तीनो रथों की रस्सी खींचकर की शुरुआत

सन्मार्ग संवाददाता

दीघा : समुद्री तटीय नगरी दीघा में इतिहास रचते हुए पहली बार जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं नारियल फोड़कर, चंदन छिड़ककर और रथ मार्ग पर सोने का झाड़ू लगाकर की। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने हर एक रथ के सामने आराधना की, रथ की रस्सी को खींचा और वहां मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'जो लोग बैरिकेड के पास खड़े हैं, वे बैरिकेड से जुड़े रथ की रस्सी को छूकर भी पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। यह रस्सी रथ से जुड़ी हुई है।' मुख्यमंत्री के कहने के मुताबिक लोगो ने शांतिपूर्ण तरीके से बैरिकेड से जुड़ी रस्सी को छूकर भगवान प्रभु जगन्नाथ के प्रति अपनी श्रद्धा निवेदित की। मुख्यमंत्री ने मंगलसूचक घंटा बजाकर रथ यात्रा को प्रारम्भ किया।

रथयात्रा की भव्य शुरुआत और उससे जुड़ी रस्म गुरुवार रात से ही शुरू हो चुकी थी। शुक्रवार की सुबह नौ बजे बारिश के बीच शास्त्रीय विधानों के साथ ‘पाहंडी विजय’ अनुष्ठान से इसकी शुरुआत हुई, जिसमें जगन्नाथ, बलराम, सुभद्रा और सुदर्शन चक्र को मंत्रोच्चार और भक्ति संगीत के बीच मंदिर से रथ तक लाया गया। हजारों लोग बारिश में भीगते हुए इस पवित्र क्षण के साक्षी बने। इस्कॉन से आये अनगिनत साधु-संतों के कीर्तन, नृत्य गीत ने सभी के दिल को छू लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोपहर दो बजे के करीब अपने अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मंदिर पहुंचीं, जहां मंदिर के प्रधान इस्कॉन प्रमुख राधारमण दास ने उनका स्वागत किया। नारियल फोड़ना, चंदन छिड़कना और सोने के झाड़ू से रथ मार्ग पर झाड़ू लगाने के बाद मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रभु बलराम के रथ 'तालध्वज' की पूजा की, फिर सुभद्रा की 'दर्पदलना' और अंत में प्रभु जगन्नाथ के 'नंदीघोष' रथ की आरती की। उन्होंने 'जय जगन्नाथ' के जयघोष भी किये। इसके बाद पारम्परिक तरीके से उन्होंने तीनों रथों की रस्सी खींची। इसके बाद रथ की रस्सी खींचकर क्रमशः मंदिर से 'मासीबाड़ी' तक ले जाया गया, जो लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रथ को बहुत धीमी गति से ले जाया गया ताकि सुरक्षा के मानकों का पालन हो सके।

पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मौजूद रहीं, कभी कांसे का घंटा बजाते हुए तो कभी लोगों से संवाद करते हुए उनको देखा गया। उनके साथ मुख्य सचिव मनोज पंत, डीजीपी राजीव कुमार, जिलाशासक पूर्णेंदु माझी सहित कई मंत्री भी मौजूद थे। भीड़ में शामिल श्रद्धालु जैसे- बांकुड़ा, बीरभूम और पुरुलिया से आए भक्तों ने कहा कि ममता बनर्जी ने उन्हें पुरी जाए बिना ही जगन्नाथ जी के दर्शन का सौभाग्य दिलाया। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिससे बिना किसी अवरोध के जगन्नाथ का भव्य रथ सफलतापूर्वक मासीबाड़ी पहुंचा। एक सप्ताह बाद 'उल्टा रथ' में प्रभु जगन्नाथ मासीबाड़ी से अपने घर दीघा जगन्नाथ धाम मंदिर लौट आएंगे।

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