सोनारपुर पुस्तक मेला का भव्य उद्घाटन, साहित्य और संस्कृति का उत्सव शुरू

कोलकाता विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति शांता दत्त दे सोनारपुर पुस्तक मेले का उद्रघाटन करती हुईं, साथ में हैं कई अन्य अधिकारी
कोलकाता विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति शांता दत्त दे सोनारपुर पुस्तक मेले का उद्रघाटन करती हुईं, साथ में हैं कई अन्य अधिकारी
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रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता

दक्षिण 24 परगना : जिले के सोनारपुर रेल क्वार्टर मैदान में 36वें सोनारपुर पुस्तक मेले का भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर कोलकाता विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति शांता दत्त दे ने दीप प्रज्ज्वलन कर मेले का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, लेखक, कवि और पाठक उपस्थित रहे। पूरे क्षेत्र में साहित्यिक उत्साह और सांस्कृतिक वातावरण देखने को मिला। उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शांता दत्त दे ने कहा कि “पुस्तक का कोई विकल्प नहीं है। ज्ञान, विवेक और मानवीय मूल्यों के विकास में पुस्तक सदैव हमारा मार्गदर्शन करती है।” उन्होंने लंबे समय से सोनारपुर पुस्तक मेले के सफल आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मेले समाज में पढ़ने की संस्कृति को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ते हैं। समारोह में प्रसिद्ध साहित्यकार जया मित्र, कवि और गीतकार शुभ दासगुप्ता भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सोनारपुर क्लब समन्वय सम्मेलन द्वारा आयोजित इस मेले के ऋत्विक घटक मंच पर संगठन के सचिव सत्यब्रत पाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संगठन के अध्यक्ष अरुण घोष ने किया। इस वर्ष के सोनारपुर पुस्तक मेले का विषय “भाटी पथ के दक्षिण 24 परगना” रखा गया है, जो जिले की साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को उजागर करता है। मेले में लगभग 70 प्रतिष्ठित प्रकाशन भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही जिले की लघु पत्र-पत्रिकाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष स्टॉल की भी व्यवस्था की गई है। उद्घाटन मंच से अतिथियों द्वारा “भाटी पथ के दक्षिण 24 परगना” शीर्षक से प्रकाशित लगभग 500 पृष्ठों की एक महत्वपूर्ण पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा दक्षिण 24 परगना के 66 कवियों की रचनाओं से सुसज्जित कविता संग्रह “भाटी देश की कविताएँ” तथा संगठन की द्विपक्षीय पत्रिका ‘अनुभव’ का विशेष अंक भी जारी किया गया। आयोजकों ने जानकारी दी कि अगले वर्ष सोनारपुर पुस्तक मेला समिति इसे उत्तर 24 परगना जिले में आयोजित करने की योजना बना रही है, जिससे साहित्य का यह उत्सव और व्यापक स्तर पर पहुंचे।

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