

कोलकाता : एसएससी नियुक्ति मामले के विरोध में जारी आंदोलन के समर्थन में पिछले दो दिनों से एसएससी भवन के बाहर उपस्थित पूर्व न्यायाधीश एवं भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय को शुक्रवार को विरोध का सामना करना पड़ा। जहां एक ओर वे नौकरी से वंचित शिक्षकों के समर्थन में खड़े हुए थे, वहीं दूसरी ओर उन्हें गो बैक के नारों का सामना करना पड़ा। अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'जो लोग मेरे खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, वे वास्तव में शिक्षक नहीं हैं। वे एसयूसीआई और माकपा जैसे वामपंथी दलों के एजेंट हैं, जो आंदोलन को हड़पना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'जब मैं आरजी कर आंदोलन में शामिल हुआ था, तब भी मुझे वापस जाने को कहा गया था। मैं नहीं मानता कि वे असली शिक्षक हैं।' उन्होंने विरोध के नारों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, 'इन नारों का कोई महत्व नहीं है। मैं इन्हें अधिक अहमियत नहीं देता। मैं आधी रात तक रुक सकता हूं, देखता हूं कौन कितना नारा लगाता है।' भाजपा सांसद ने राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार दो घंटे के भीतर एसएससी को ओएमआर शीट की मिरर इमेज प्रकाशित करने का निर्देश नहीं देती है, तो यह समझा जाएगा कि सरकार की नौकरियां वापस देने में कोई रुचि नहीं है। अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, 'यदि मिरर इमेज प्रकाशित करना संभव है, तो अभी तक क्यों नहीं किया गया? इससे स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे पर कोई सद्भावना नहीं दिखा रही है।' उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे डर से नौकरी न छोड़ें।