गंगासागर मेला होगा प्लास्टिक मुक्त, तीर्थयात्रियों को मिलेंगे कॉर्न स्टार्च बैग

निःशुल्क बायोडिग्रेडेबल नॉन कम्पोस्टेबल बैग बाँटे जाएँगे
कपिलमुनि मंदिर की तस्वीर
कपिलमुनि मंदिर की तस्वीर
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रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : ऐतिहासिक गंगासागर मेला 2026 इस वर्ष अधिक भव्यता के साथ प्लास्टिक मुक्त यानी पर्यावरण के अनुकूल होने वाला है। वर्ष 2026 कुम्भ मेला नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावना है। गंगासागर बकखाली डेवलपमेंट अथॉरिटी (GBDA) ने बढ़ती भीड़ के बीच पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने की व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। अथॉरिटी के अनुसार, मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों के हाथों में मौजूद प्लास्टिक बैगों को विशेष कैंप लगाकर संग्रह किया जाएगा। इसके लिए कचुबेरिया, बेनुबोन चेमागुड़ी सड़क संख्या दो और जीबीडीए कार्यालय में कैंप लगाए जाएंगे। इसके बदले यात्रियों को कॉर्न स्टार्च से निर्मित बायोडिग्रेडेबल , नॉन कम्पोस्टेबल बैग नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। ये बैग पूरी तरह पर्यावरण अनुकूल हैं।

जीबीडीए के कार्यकारी अधिकारी का बयान

GBDA के कार्यकारी अधिकारी नीलांजन तरफदार ने सन्मार्ग को बताया कि बैग चार अलग-अलग आकारों में तैयार किये जा रहे है। डाला और माला लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को डाला के आकार के अनुकूल बैग भी दिये जाएंगे। इसके साथ ही सागर द्वीप के सभी बाजार समितियों और दुकानों में भी कॉर्न स्टार्च के बैग वितरित किए जाएंगे, ताकि प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह रोका जा सकें।

क्या है कॉर्न स्टार्च बैग

कॉर्न स्टार्च बैग मकई के स्टार्च से बने पर्यावरण-अनुकूल बैग हैं, जो प्लास्टिक का एक बेहतर विकल्प माने जाते हैं। वर्तमान में ऐसे बैग चार प्रकार के बनाए जा रहे हैं। इनका निर्माण और प्रचलन पर्यावरण विभाग के सहयोग से आगे बढ़ाया जा रहा है।

समुद्र में लगाये जाएंगे फ्लोटिंग डेब्रिस बैरियर

समुद्र में प्लास्टिक और अन्य कचरे के बहाव को रोकने के लिए 1.5 किलोमीटर लंबा फ्लोटिंग डेब्रिस बैरियर लगाया जाएगा। सी-बीच 1A क्षेत्र से शुरू होने वाला यह बैरियर समुद्र में जाने वाले फूल, माला और अन्य अपशिष्ट को रोकने में सहायक होगा। बैरियर में लगे बैलून बड़ी मात्रा में कचरा इकट्ठा कर उसे पुनः तट पर लाने में मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त, 25 दिसंबर के बाद लगभग 100 “सागर प्रहरी” दिन-रात सफाई अभियान में लग जाएंगे। ये टीमें मेला क्षेत्र, मंदिर के पास समुद्र तट और मुख्य मार्गों पर सतत निगरानी रखकर साफ-सफाई सुनिश्चित करेंगी। इन प्रयासों के साथ प्रशासन का लक्ष्य है कि इस बार का गंगासागर मेला पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल साबित हो।

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