

रामबालक, सन्मार्ग
कोलकाता : ऐतिहासिक गंगासागर मेला इस वर्ष कई मायनों में खास होने जा रहा है। मेले में पहली बार ‘बांग्लार मंदिर’ श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा। इसके तहत देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री एक ही स्थान पर बंगाल के प्रमुख मंदिरों की भव्य प्रतिकृतियों के दर्शन कर सकेंगे। इससे न केवल श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि उन्हें एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त होगा। दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी अरविंद कुमार मीणा ने सन्मार्ग से विशेष बातचीत में बताया कि गंगासागर मेले को केंद्र कर ‘ बांग्लार मंदिर’ परियोजना के अंतर्गत पहली बार दीघा के जगन्नाथ मंदिर की भव्य रिप्लिका तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिकृति का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसके साथ ही जल्पेश्वर, तारकेश्वर और तारापीठ जैसे बंगाल के प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृतियां भी बनाई जा रही हैं। डीएम अरविंद कुमार मीणा ने बताया कि तीर्थयात्री सागर में पुण्य स्नान के बाद कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और फिर बांग्लार मंदिर परिसर में विभिन्न मंदिरों के दर्शन सहजता से कर सकेंगे। इससे श्रद्धालुओं को एक ही स्थल पर बंगाल की धार्मिक विरासत से रू-ब-रू होने का अवसर मिलेगा। मेले में संभावित भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में करीब 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जबकि निगरानी के लिए 20 से 25 ड्रोन तैनात रहेंगे। इसके अलावा वाहनों की गति नियंत्रित रखने के लिए विशेष यातायात व्यवस्था भी लागू की जाएगी। वहीं, गंगासागर मेले को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके तहत करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बायोडिग्रेडेबल बैग वितरित किए जाएंगे। साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट भी स्थापित की जाएगी, ताकि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।