कोलकाता: पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद और अनुभवी राजनयिक जवाहर सरकार ने बांग्लादेश के राजदूत एम रियाज हमीदुल्लाह से कोलकाता स्थित अपने आवास पर मुलाकात की। इस सौहार्दपूर्ण भेंट के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। राजदूत हमीदुल्लाह ने उन्हें बांग्लादेश की सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित चार पुस्तकें उपहार स्वरूप भेंट कीं। ये वही किताबें हैं जो उन्होंने नवान्न में मुलाकात के दौरान सीएम ममता बनर्जी को भेंट की थीं। इसके जवाब में जवाहर सरकार ने भी उन्हें अपनी लिखी एक पुस्तक भेंट की।
भावनाओं में बहकर साम्प्रदायिक निष्कर्ष निकालना उचित नहीं
सरकार ने अपनी पोस्ट में लिखा, इतने उथल-पुथल के बावजूद बांग्लादेश आज भी हिन्दू देवी मनसा, वैष्णव रास मेला, बौद्ध सोमपुरा की विरासत और दोनों बंगालों की पारंपरिक लाठी-खेला को सम्मान देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भावनाओं में बहकर साम्प्रदायिक या धर्मनिरपेक्ष निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा। यह टिप्पणी उन्होंने हाल के उस असंतोष के संदर्भ में की, जो बांग्लादेश में शेख हसीना शासन के अंत के बाद उभर रही राजनीतिक अस्थिरता के चलते देखा जा रहा है।जवाहर सरकार ने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात पूरी तरह से अनौपचारिक थी और यह चर्चा अंतरराष्ट्रीय संबंधों, भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय समीकरण तथा 2026 में संभावित बंगाल और बांग्लादेश चुनावों को लेकर 'कॉफी कप के साथ' हुई थी। उन्होंने इसे एक मैत्रीपूर्ण संवाद बताया और बांग्लादेश के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की जरूरत पर भी बल दिया।