आनंदपुर के गेस्ट हाउस में बिना पहचान पत्र के ठहरे थे बिहार के गैंगस्टर!

गेस्ट हाउस के अथॉरिटी के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया सुओ मोटो मामला
आनंदपुर के गेस्ट हाउस में बिना पहचान पत्र के ठहरे थे बिहार के गैंगस्टर!
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कोलकाता : आनंदपुर में एक गेस्ट हाउस के खिलाफ पुलिस ने नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। यह गेस्ट हाउस बिना किसी पहचान पत्र के गैंगस्टरों को ठहराने के लिए सुर्खियों में आया है। आनंदपुर थाने के एक सब-इंस्पेक्टर ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह मामला दर्ज किया। पटना के पारस अस्पताल में कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता और शार्प शूटर तौसीफ राजा उर्फ बादशाह और उसके तीन साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आनंदपुर के मदुरदह, हुसैनपुर रोड पर स्थित इस गेस्ट हाउस से चार लोगों को हिरासत में लिया और उन्हें बिहार पुलिस को सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को इन सभी को बिहार ले जाया गया। गोलीबारी की घटना के बाद तौसीफ अपने भाई निशु खान के इलाज के बहाने कोलकाता में छिपने की कोशिश कर रहा था। तौसीफ और निशु की एक महिला मित्र, जो उत्तर 24 परगना के बिराटी की रहने वाली है, के जरिए इस गेस्ट हाउस में दो कमरे किराये पर लिये गये। कमरे उसी युवती के नाम पर बुक किये गये थे। गेस्ट हाउस के रजिस्टर में युवती ने अपना नाम, तौसीफ, निशु, हरीश सिंह और सचिन सिंह के नाम दर्ज किये। हालांकि, पुलिस ने रजिस्टर की जांच में पाया कि सचिन का दूसरा नाम भीम और हरीश का दूसरा नाम हर्ष है। ये दोनों तौसीफ के गैंग को विभिन्न तरीकों से मदद करते थे।

गेस्ट हाउस ने तोड़े नियम

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लालबाजार के निर्देशानुसार, गेस्ट हाउस में ठहरने वाले प्रत्येक अतिथि को आधार कार्ड या अन्य भारतीय पहचान पत्र की फोटोकॉपी जमा करनी होती है। यदि गेस्ट हाउस संचालकों को कोई संदेह होता है या आवश्यकता पड़ती है, तो ये फोटोकॉपी पुलिस को सौंपी जाती हैं लेकिन जांच में पता चला कि 18 जुलाई को कमरे किराये पर देने के बावजूद आनंदपुर के इस गेस्ट हाउस ने किसी भी पहचान पत्र की कॉपी नहीं मांगी। यहां तक कि 24 घंटे बाद भी इन गैंगस्टरों से कोई दस्तावेज नहीं लिया गया। पुलिस ने बताया कि सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए गेस्ट हाउस के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस संबंध में 28 मार्च को जारी एक आदेश 30 मई को कोलकाता पुलिस के गजट में प्रकाशित हुआ था। गेस्ट हाउस को लाइसेंस देते समय इन नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसका उल्लंघन करने के कारण पुलिस ने गेस्ट हाउस प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस गेस्ट हाउस के मैनेजर और कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य ग्राहकों के मामले में भी ऐसी लापरवाही बरती गई है। साथ ही, कोलकाता के अन्य होटलों और गेस्ट हाउसों द्वारा इन नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इस पर भी पुलिस नजर रख रही है।

दिल्ली भागने के फिराक में थे अभियुक्त

सूत्रों के अनुसार, तौसीफ के भाई निशु खान ने पुलिस को बताया कि कोलकाता में कुछ समय तक छिपने के बाद वे दिल्ली भागने की योजना बना रहे थे। दो साल पहले एक मुठभेड़ में निशु की कमर में गोली लगी थी, जिसके बाद वह चलने-फिरने में असमर्थ है। इसलिए इलाज के लिए दिल्ली जाने की योजना थी। हालांकि, कोलकाता पुलिस के जासूस इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या तौसीफ और उसके साथी वास्तव में कुछ समय के लिए कोलकाता में रुके थे या फिर यहां स्थायी ठिकाना बनाकर नया गैंग बनाने की योजना बना रहे थे। पुलिस का मानना है कि निशु के इलाज और तौसीफ के छिपने के लिए काफी धन की जरूरत थी। इस वजह से तौसीफ कोलकाता या इसके आसपास के इलाकों में ठिकाना बनाकर सोने की दुकानों, बैंकों या स्वर्ण ऋण कंपनियों में डकैती जैसे अपराधों की साजिश रच रहा हो सकता है। पुलिस इस संभावना से भी इनकार नहीं कर रही है, क्योंकि तौसीफ का ‘गुरु’ शेरू सिंह डकैती में माहिर है और उसने पुरुलिया व रानाघाट में सोने की दुकानों में डकैती की थी। अधिक जानकारी हासिल करने के लिए कोलकाता पुलिस के जासूस तौसीफ से बिहार में पूछताछ कर सकते हैं। साथ ही, उनकी महिला मित्र से भी दोबारा पूछताछ की जा सकती है।

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