रुपये भी गये और ‘भगवान’ का दीदार भी नहीं हुआ

युवा भारती से बाहर निकलते वक्त प्रशंसकों का आयोजकों और प्रशासन पर फूटा गुस्सा
मेस्सी प्रशंसक राजदीप साव
मेस्सी प्रशंसक राजदीप साव
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संयम मनचंदा
संयम मनचंदा
सुब्रत चक्रवर्ती
सुब्रत चक्रवर्ती

कोलकाता : अपने सुपरस्टर की एक झलक पाने के लिए मैंने 1 4 हजार रुपये खर्च कर टिकट खरीदा था। दो दिन पहले चंडीगढ़ से कोलकाता पहुंचा लेकिन मैदान के अंदर सिर्फ निराशा हाथ लगी। रुपया तो बर्बाद हुआ ही, बस मलाल इसकी रह गयी कि इतना करीब आकर भी अपने आइकन को ठीक से देख नहीं पाया। यह कहते हुए पंचकूला के रहनेवाले सैयम मनंचदा ने अपना दर्द बयां किया। सैयम भी मेस्सी की एक झलक पाने के लिए हजारों युवाओं की तरह शुक्रवार की रात से ही सॉल्टलेक पहुंच गये थे। सैयम ने बताया कि वह पहले देर रात तक एयरपोर्ट के बाहर खड़े रहे ताकि मेस्सी को देख सकें लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद वीआईपी लाउंज का टिकट खरीदकर मैदान में पहुंचे ताकि करीब से अपने आइकन को देख सकें लेकिन यहां भी हताशा हुई। मैदान के अदंर सैकड़ों लोगों ने मेस्सी को घेरकर रखा था। करीब 15 मिनट में ही मेस्सी मैदान के बाहर चले गये। इससे मैदान के अंदर मौजूद लोग गुस्सा हो गये और जूता फेंकने के साथ ही पोस्टर में लगी लोहे की रॉड तोड़कर मैदान में फेंकने लगे। उन्होंने कहा कि आयोजक की बहुत बड़ी गलती है। कोन्नगर से आये सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया कि 15 हजार रुपये खर्च करके हम मेस्सी को देखने आये थे लेकिन एक सेकेंड भी उन्हें नहीं देख पाये। एक प्राइवेट कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में बदल दिया गया। ऐसा करना था तो हम लोगों को टिकट क्यों बेचा गया। हमें टिकट का पैसा पूरा रिफंड चाहिए। कांकुड़गाछी के रहनेवाले कुणाल पाल ने बताया कि 5 हजार रुपये का टिकट खरीदा ताकि जीवन में एक बार मेस्सी को करीब से देख सकूं। लेकिन आयोजकों ने बहुत निराश किया। यह कार्यक्रम पूरी तरह फेल्योर रहा। हुगली से आये सतीश मेहता ने बताया कि हमलोग 15 हजार का टिकट खरीदकर मेस्सी को देखने आये थे लेकिन आयोजकों ने प्लेयर को घेर रखा था। गुस्साये लोगों ने मैदान के अंदर तांडव मचाया, सब कुछ तोड़फोड़ दिया। ऐसी शर्मनाक घटना कभी नहीं घटी थी। बर्दवान से आये संजय कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से बोरिंग रहा। वे एक तरह से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। न्यू मार्केट के रहनेवाले राजदीप साव ने बताया कि सबसे घटिया अनुभव है। 12 हजार का टिकट खरीदकर ऐसा अनुभव होगा, यह मैं नहीं जानता था। यह पूरी तरह से आयोजक और प्रशासन फेल्योर था।


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