

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता: दक्षिण 24 परगना जिला मुख्यालय अलीपुर में सोमवार को बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के बीच एन्यूमेरेशन फॉर्म का वितरण शुरू हुआ। अलीपुर ट्रेजरी बिल्डिंग और न्यू एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में आयोजित इस कार्यक्रम में बेहला पश्चिम, बेहला पूर्व, टालीगंज, मटियाब्रुज, कसबा और जादवपुर विधानसभा क्षेत्रों के बीएलओ को उनके क्षेत्रों के लिए फॉर्म सौंपे गए। सुबह से वितरण स्थल पर बीएलओ की भीड़ देखी गई, जो अपने क्षेत्रों के लिए फॉर्म लेने पहुंचे थे। कई बीएलओ ने बताया कि वितरण का समय पहले तय होने से व्यवस्था अधिक सुचारु रहती। मटियाब्रुज हाई स्कूल के असिस्टेंट शिक्षक अशफाक हुसैन, इसार अहमद और नॉन-टीचिंग स्टाफ अब्दुल हक मोल्ला ने कहा, “चुनाव आयोग का कार्य हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन समय पर जानकारी मिलने से काम आसान होता।” उन्होंने जोड़ा कि मतदाता सूची को अपडेट करना उनकी प्राथमिकता है। कई महिला बीएलओ ने ऑन-ड्यूटी समय को लेकर नाराजगी जताई। एक बीएलओ ने कहा, “हमें सुबह जल्दी बुलाया गया, पर वितरण में देरी हुई। समय तय होना चाहिए था।” फिर भी, सभी ने जिम्मेदारी निभाते हुए फॉर्म लिए। जिला प्रशासन की निगरानी में वितरण शांतिपूर्ण रहा। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि बीएलओ समय पर कार्य पूरा करेंगे। 4 नवंबर यानी आज से बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म वितरित करेंगे, ताकि विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची अपडेट हो सके।
‘एसआईआर’ विवाद: तृणमूल बनाम भाजपा
बंगाल में ‘एसआईआर’ विवादास्पद बन चुका है। तृणमूल कांग्रेस इसे भाजपा की साजिश बताकर हेल्प कैंप शुरू कर रही है, ताकि लोग दस्तावेज सत्यापित कर सकें। जिला प्रशासन ने बीएलओ को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक मतदाता तक पहुंचें और कोई वैध वोटर का नाम न हटे। एक अधिकारी ने कहा, “प्रक्रिया पारदर्शी होगी।” बीएलओ ने बताया कि ‘एसआईआर’ को लेकर लोगों में डर है, जिसके कारण उन्हें अतिरिक्त सवालों का सामना करना पड़ रहा है। मटियाब्रुज के एक बीएलओ ने कहा, “लोगों को समझाना पड़ता है कि यह सिर्फ मतदाता सूची अपडेट करने की प्रक्रिया है।” यह कार्य 2026 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को मजबूत करने की दिशा में अहम है। तृणमूल का दावा है कि वे किसी वैध वोटर का नाम नहीं कटने देंगे, जबकि भाजपा इसे पारदर्शिता के लिए जरूरी बताती है