डिजिटल गिरफ्तारी के झांसे में आये बुज़ुर्ग दंपति से 80 लाख की ठगी

बंगलुरु में रह रही बेटी की सूचना के बाद हरिदेवपुर पुलिस ने बचायी जान
फाइल फोटो
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कोलकाता : हरिदेवपुर इलाके में एक बुज़ुर्ग दंपति साइबर जालसाजों के शिकार बन गये। ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बहाने ठगों ने उनके बैंक खातों से 80 लाख रुपये उड़ा लिये। मामला तब सामने आया जब बंगलुरु में रह रही उनकी बेटी एक दिन तक माता-पिता से संपर्क नहीं कर पाई और चिंतित होकर पुलिस की मदद लेने पहुंची।

सूचना मिलने पर पुलिस टीम बुज़ुर्ग दंपति के फ्लैट पर पहुंची, लेकिन दंपति ने दरवाज़ा खोलने से इनकार कर दिया। अंदर से उन्होंने पुलिस को बताया कि सीबीआई और मुंबई पुलिस ने उन्हें ‘डिजिटली अरेस्ट’ कर लिया है, इसलिए वे बाहर नहीं निकल सकते और न ही किसी से फोन पर बात कर सकते हैं। पुलिस ने किसी तरह दरवाज़ा खुलवाया और दंपति से बात की। तब जाकर पूरा मामला सामने आया।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार, दंपति में से पुरुष सदस्य एक कंपनी के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें हाल ही में एक व्यक्ति का फोन आया था जिसने खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया। उसने कहा कि उनके नाम का एक पार्सल एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है जिसमें ड्रग्स मिले हैं। कॉलर ने दावा किया कि सीबीआई जांच में उनका नाम सामने आया है और उन्हें व उनकी पत्नी को ‘डिजिटली गिरफ्तार’ कर लिया गया है। ठगों ने नकली दस्तावेज भी व्हाट्सऐप पर भेजे और दंपति को 48 घंटे घर में बंद रहने तथा किसी का कॉल न उठाने का निर्देश दिया। इस बीच साइबर अपराधियों ने उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल कर 80 लाख रुपये निकाल लिये। बंगलुरु में मौजूद बेटी ने जब लगातार कॉल करने पर भी माता-पिता से संपर्क नहीं हो पाया तो उसने हरिदेवपुर थाने से संपर्क किया। पुलिस जब फ्लैट पर पहुंची, तब भी दंपति घबराहट में दरवाज़ा खोलने को तैयार नहीं थे और यही कहते रहे कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा और सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आखिरकार पुलिस ने भरोसा दिलाकर दरवाज़ा खुलवाया और बुज़ुर्ग दंपति को समझाया। बाद में दंपति ने थाने जाकर 80 लाख रुपये की साइबर ठगी की लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के अनुसार, राशि कई खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी। मामले की जांच जारी है।


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