

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी की कोलकाता जोनल इकाई ने फर्जी पासपोर्ट, अवैध विदेशी मुद्रा लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने अजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद उर्फ अजाद हुसैन, जो पाकिस्तानी नागरिक है, और उसके सहयोगी इंदुभूषण हलदर उर्फ दुलाल सहित चार अन्य के खिलाफ पहला पूरक अभियोजन शिकायत पत्र 11 दिसंबर 2025 को विशेष पीएमएलए अदालत, कोलकाता में दाखिल किया। अदालत ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है।
ईडी की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी नागरिक अजाद हुसैन भारत में अजाद मलिक के नाम से फर्जी पहचान बनाकर रह रहा था। उसने इंदुभूषण हलदर के साथ मिलकर बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों के लिए पैसों के बदले आधार कार्ड, पैन कार्ड और भारतीय पासपोर्ट जैसे दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवाए।
जांच में यह भी सामने आया कि अजाद हुसैन ने भारत-बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क चलाया। वह नकद और यूपीआई के जरिए पैसा इकट्ठा करता और बांग्लादेश में बीकेश जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से रकम ट्रांसफर करता था। अजाद हुसैन को 15 अप्रैल 2025 और इंदुभूषण हलदर को 13 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी की जांच में पता चला कि इंदुभूषण हलदर ने करीब 300 से 400 पासपोर्ट आवेदनों में भूमिका निभाई। प्रत्येक व्यक्ति से करीब 50 हजार रुपये लेकर पूरे भारतीय पहचान दस्तावेज बनवाए जाते थे। 29 पासपोर्ट आवेदनों में एक जैसे आयकर रिटर्न और टैक्स भुगतान रसीदें लगाई गईं, जिन पर आयकर विभाग की कोई मुहर नहीं थी। ये सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए।
जांच के दौरान कई चौंकाने वाली गड़बड़ियां भी सामने आईं। कुछ मामलों में भाइयों की जन्मतिथि में महज तीन से सात महीने का अंतर दिखाया गया, जो जैविक रूप से असंभव है। एक मामले में एक भाई के पास बांग्लादेश का राष्ट्रीय पहचान पत्र भी मिला, जिसमें उसका पता ढाका बताया गया है।
ईडी ने यह भी पाया कि गोल्डनाइज फॉरेक्स एंड ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड, जो आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त फुल फ्लेज्ड मनी चेंजर है, ने नियमों का खुला उल्लंघन किया। कंपनी और उसके निदेशकों ने एक पाकिस्तानी नागरिक को फॉरेक्स काउंटर संचालित करने की अनुमति दी और बिना वैध दस्तावेजों के विदेशी मुद्रा की अवैध बिक्री की। जांच में सामने आया कि 80 करोड़ रुपये से अधिक की रकम फर्जी लेनदेन और जाली दस्तावेजों के जरिए कंपनी के खातों में जमा की गई।
गौरतलब है कि इस मामले में अजाद हुसैन के खिलाफ पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत पहले ही 13 जून 2025 को अभियोजन शिकायत दाखिल की जा चुकी है, जिस पर 19 जून 2025 को अदालत ने संज्ञान ले लिया था। ईडी के मुताबिक जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।