सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी, कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई म्यूल खातों और अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी व जुए के रैकेट के खिलाफ थी। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। साथ ही, अपराध की आय से जुड़े 766 म्यूल बैंक खातों (बचत, चालू और कॉरपोरेट) और 17 डेबिट/क्रेडिट कार्डों को फ्रीज किया गया।
पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत विशाल भारद्वाज उर्फ बादल भारद्वाज और सोनू कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया गया। दोनों को माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), कलकत्ता के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें 10 दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया।
यह मामला सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरी, पश्चिम बंगाल द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और पश्चिम बंगाल जुआ और पुरस्कार प्रतियोगिता अधिनियम, 1957 के तहत दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है। विशाल भारद्वाज और सोनू कुमार ठाकुर को पुलिस के आरोपपत्र में आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
जांच में पता चला कि इस रैकेट में लोगों को एकमुश्त भुगतान या मासिक आधार पर भुगतान के बदले म्यूल (धन खच्चर) के रूप में भर्ती कर उनके बैंक खाते खोले गए। इन खातों का उपयोग वेबसाइटों और टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से उत्पन्न आय को इकट्ठा करने और लेयरिंग के लिए किया गया। खाताधारकों का इन खातों पर कोई नियंत्रण नहीं था। घोटालेबाजों ने लोगों को आईपीएल, आईएसएल, टी20 विश्व कप, ऑनलाइन रमी, और ऑनलाइन कैसीनो जैसे खेलों में सट्टेबाजी और जुआ के लिए व्हाट्सएप नंबरों के जरिए प्रलोभन दिया।