

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता में हाल ही में किसी ने ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं मांगी। सूत्रों की माने तो न ही नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के पूर्वी क्षेत्र कार्यालय से और न ही एटीसी कार्यालय से। सोमवार को किसी ड्रोन के संचालन की अनुमति नहीं दी गयी थी। गुरुवार को एयरपोर्ट के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया। उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम को कोलकाता के आकाश में कथित तौर पर कई ड्रोनों के दिखने की खबरों पर विवाद हुआ था। अनधिकृत ड्रोन उड़ान पर चिंता जताई गयी थी।
एक अधिकारी ने कहा, "हमें ड्रोन दिखने की खबरों पर आश्चर्य है। यदि वे वास्तव में ड्रोन थे तो वे अनधिकृत थे क्योंकि हमने अनुमति नहीं दी। कभी-कभी रोशनी वाले गुब्बारे भी ऐसा दिखते हैं। इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। फोर्ट विलियम के किनारे हेस्टिंग्स के पास कुछ भी उड़ाना गैरकानूनी है, क्योंकि यह गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित नो-फ्लाई जोन है। यदि ये अवैध ड्रोन थे, तो यह पश्चिमी सीमा पर ड्रोनों के शत्रुतापूर्ण उपयोग और कोलकाता की पूर्वी अंतरराष्ट्रीय सीमा से निकटता के संदर्भ में एक बड़ी चिंता का विषय है।"
पारंपरिक रडार की सीमाएं और तकनीकी उन्नयन की जरूरत
एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक रडार कम ऊंचाई पर उड़ने वाले छोटे ड्रोनों को पकड़ने में असमर्थ हैं। अधिकारी ने महसूस किया कि मानव रहित हवाई वाहनों की निगरानी के लिए तकनीक और उपकरणों को तत्काल उन्नत करने की आवश्यकता है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के एक अधिकारी ने बताया कि दो साल पहले हावड़ा के कदमतला और सॉल्ट लेक सेक्टर 5 के बीच ब्लड टेस्टिंग ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले ड्रोन संचालन बंद हो गए और इसके बाद कोलकाता में किसी ड्रोन ऑपरेटर ने संचालन के लिए आवेदन नहीं किया। पिछले कुछ वर्षों में ड्रोनों के लिए रेड 'नो-फ्लाई' जोन इतना विस्तारित हो गया है कि ई-कॉमर्स डिलीवरी या अन्य सेवाओं के लिए ड्रोन का उपयोग चुनौतीपूर्ण हो गया है।
विस्तारित नो-फ्लाई जोन
विस्तारित रेड जोन में न केवल रक्षा प्रतिष्ठान, बल्कि रेलवे स्टेशन, प्रमुख पूजा स्थल और कोलकाता पुलिस द्वारा चिह्नित अन्य संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि भले ही एएआई अनुमति दे तो भी ऑपरेटर को स्थानीय पुलिस प्राधिकरण से भी अनुमति लेनी पड़ती है।
कड़े नियमों की संभावना
हालांकि ऑपरेटर गृह मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) से कोलकाता में ड्रोन सेवाएं संचालित करने की विशेष अनुमति ले सकते हैं, लेकिन अधिकारी ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ बढ़ते संघर्ष के बाद ड्रोनों को लेकर संवेदनशीलता के कारण ड्रोन संचालन के नियम और सख्त हो सकते हैं।