

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिमी सीमा पर हालिया घटनाओं और कई हवाईअड्डों के बंद होने के बाद कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता चरम पर पहुंच गई है। एयरपोर्ट प्रशासन ने घरेलू यात्रियों को उड़ान प्रस्थान से कम से कम दो घंटे पहले, जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी है, ताकि कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच चेक-इन और बोर्डिंग में कोई परेशानी न हो।
तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था लागू
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट पर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा लागू किया गया है।
• टर्मिनल के भीतर सीआईएसएफ जवान यात्रियों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं और रैंडम फ्रिस्किंग की जा रही है।
• टर्मिनल के बाहर सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त निगरानी चल रही है।
• सुरक्षा बल की संख्या भी बढ़ाकर अधिक कर दी गई है।
जवान टावरों पर तैनात, डॉग स्क्वॉयड से गस्त
एयरपोर्ट के चारों ओर सशस्त्र जवानों को वॉच टावरों पर तैनात किया गया है, साथ ही पैदल गश्त भी बढ़ाई गई है। सुरक्षा एजेंसियों की क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) भी तैनात की गई है। डॉग स्क्वॉयड भी सामानों की चेकिंग तथा एयरपोर्ट के चप्पे -चप्पे पर निगरानी कर रहा है।
गाड़ियों की जांच, बैगेज की दोहरी जांच
अब एयरपोर्ट में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच, यात्रियों की अतिरिक्त तलाशी, और बोर्डिंग गेट पर दूसरी बार बैगेज जांच की जा रही है। साथ ही सादी वर्दी में सुरक्षा कर्मी भी यात्रियों की निगरानी कर रहे हैं।
आपात बैठक और नई एसओपी की तैयारी
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने गुरुवार को एयरपोर्ट पर आपात सुरक्षा बैठक की और मौजूदा इंतजामों की समीक्षा की। बैठक में यह माना गया कि युद्ध जैसे हालात के लिए कोई विशिष्ट एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर) अब तक मौजूद नहीं है। हालांकि अधिकारियों ने यह तय किया है कि आपात स्थिति में यात्रियों और स्टाफ को बेसमेंट, भूमिगत कार पार्क और मेट्रो स्टेशन की सुरंगों में सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है। एक नई एसओपी तैयार करने की योजना भी बनाई गई है।
बांग्लादेश में सरकार गिरने के बाद और सतर्कता
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद सुरक्षा एजेंसियां विशेष सतर्कता बरत रही हैं। बंगाल की सीमा पर तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाएं होने के कारण कोलकाता एयरपोर्ट को हमेशा से संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। अधिकारी मानते हैं कि इन सुरक्षा उपायों का मुख्य उद्देश्य संभावित अपहरण या आतंकी हमलों की आशंका को नाकाम करना है।